ना जाने तुम पे इतना यकीन क्यों है
तेरा ख्याल भी इतना हसीन क्यों है
प्यार का दर्द मिठा होता है
तो आँख से निकला ये आँसु नमकीन क्यों हैं

जिस दिन बंद हो जाएँगी हमारी आँखे उस दिन कई आँखोँ मेँ आंसू आ जाएंगे
जो कहते हे बहुत बोला करते हो एक दिन वही हमारी आवाज सुनने को तरस जाएंगे

आज उसे एहसास मेरी मोहब्बत का हुआ
शहर में जब चर्चा मेरी शोहरत का हुआ
नाम नहीं लेती मुझे अब जान कहती है
देखो कितना असर उस पर दौलत का हुआ

ये दुनियाँ वाले भी बडे अजीब हैं
कभी हमसे दूर तो कभी करीब हैं
दर्द ना बताऐं तो हमें कायर कहते हैं
और दर्द बता दें तो हमें शायर कहते हैं

हमें जंजीरों में कैद करने का सपना मत देख
क्योंकि हम वो आदमखोर शेर हैं
जिसका भी शिकार करते हैं उसका जिस्म तो क्या रूह भी दम तोड देती हैं

ये दुनियाँ वाले भी बडे अजीब हैं,
कभी हमसे दूर तो कभी करीब हैं,
दर्द ना बताऐं तो हमें कायर कहते हैं,
और दर्द बता दें तो हमें शायर कहते हैं

दर्द जितना है मेरी निगाहों मे
ना दे खुदा किसीकि रहो मे
बिताना चाहते थे ज़िंदगी जिनकी बाहों मे
शायद मौत भी ना मिल पाएगी उनकी पनाहो मे

दिल की किताब में गुलाब उनका था
रात की नींद में ख्वाब उनका था
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा
मर जायंगे तुम्हारे बिना ये जबाब उनका था

इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया हर खुशी से हमे अंजान कर दिया
हमने तो कभी नही चाहा की हमे भी मोहब्बत हो
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया

इस दुनियाँ में सब कुछ बिकता है
फिर जुदाई ही रिश्वत क्युँ नही लेती
मरता नहीं है कोई किसी से जुदा होकर
बस यादें ही हैं जो जीने नहीं देती

सब कुछ मिला सुकून की दौलत ना मिली
एक तुझको भूल जाने की मोहलत ना मिली
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर
हमको तेरे ख्याल से फुर्सत ना मिली

भीगी पलकों के संग मुस्कुराते हैं; पल-पल दिल को कुछ और बहलाते हैं हम; तू दूर है हमसे तो क्या हुआ मेरे दिलबर; हर सांस में तेरी आहट को पाते हैं हम।

इश्क़ ने हमें बेनाम कर दिया; हर ख़ुशी से हमें अंजान कर दिया; हमने तो कभी नहीं चाहा कि हमें भी मोहब्बत हो; लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया।

चाँद निकलेगा तो दुआ मांगेंगे; अपने हिस्से में मुकदर का लिखा मांगेंगे; हम तलबगार नहीं दुनिया और दौलत के; हम रब से सिर्फ आपकी वफ़ा मांगेंगे।

तन्हाई मैं मुस्कुराना भी इश्क़ है
इस बात को सब से छुपाना भी इश्क़ है
यूँ तो रातों को नींद नही आती
पर रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है