जी भर क देखू तुझे अगर गवारा हो
बेताब मेरी नज़रे हो और चेहरा तुम्हारा हो
जान की फिकर हो न जमाने की परवाह
एक तेरा प्यार हो जो बस तुमारा हो

कभी-कभी ऐसा भी होता है; प्यार का असर जरा देर से होता है; आपको लगता है हम कुछ नहीं सोचते आपके बारे में; पर हमारी हर बात में आपका ही जिक्र होता है।

सब कुछ मिला सुकून की दौलत न मिली
एक तुझको भूल जाने की मोहलत न मिली
करने को बहुत काम थे अपने लिए मगर
हमको तेरे ख्याल से कभी फुर्सत न मिली

आज तेरी याद हम सीने से लगा कर रोये
तन्हाई मैं तुझे हम पास बुला कर रोये
कई बार पुकारा इस दिल में तुम्हें
और हर बार तुम्हें ना पाकर हम रोय

प्यार किया तो उनकी महोब्बत नजर आई
दर्द हुआ तो पलके उनकी भर आई
दो दिलों की धड़कन में एक बात नज़र आई
दिल तो उनका धड़का पर आवाज इस दिल से आई

साहिल पर खड़े-खड़े हमने शाम कर दी
अपना दिल और दुनिया आप के नाम कर दी
ये भी न सोचा कैसे गुज़रेगी ज़िंदगी
बिना सोचे-समझे हर ख़ुशी आपके नाम कर दी

किसी को महोब्बत की सच्चाई मार डालेगी
किसी को महोब्बत की गहराई मार डालेगी
कर के महोब्बत कोई नहीं बचेगा
जो बच गया उसे तनहाई मार डालेगी

सोचा याद न करके थोड़ा तड़पाऊं उनको!
किसी और का नाम लेकर जलाऊं उनको!
पर चोट लगेगी उनको तो दर्द मुझको ही होगा!
अब ये बताओ किस तरह सताऊं उनको!

हर फूल की अजब कहानी है; चुप रहना भी एक प्यार की निशानी है; कही कोई ज़ख्म तो नहीं फिर भी क्यों यह एहसास है; लगता है दिल का एक टुकड़ा आज भी उसके पास है!

वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है
दोस्तो कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं

टूटा हुआ फूल खुश्बू देता है; बीता हुआ पल यादें देता है; हर शख्स का अपना अंदाज़ होता है; कोई प्यार में ज़िंदगी तो कोई ज़िंदगी में प्यार दे जाता है।

ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता
बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता
है जो पास उसे संभाल के रखना
खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता

आँखों में रहने वालों को याद नहीं करते; दिल में रहने वालों की बात नहीं करते; हमारी तो रूह में बस गए हो आप; तभी तो आपसे मिलने की फ़रियाद नहीं करते।

प्यार में वक्त गुजर जाता है। वक्त में प्यार गुजर जाता है। ​ कृत्रिम प्रेम बहुत दिनों तक चल नहीं पाता स्‍वाभाविक प्रेम की नकल नहीं हो सकती।

आज की रात मेरा दर्द मोहब्बत सुन ले; कप कपाते हुए होंठों की शिकायत सुन ले; आज इज़हारे ख़यालात का मौका दे दे; हम तेरे शहर में आये हैं मुसाफिर की तरह!