ये मासूमियत का कौन सा अन्दाज़ है,
पर काट कर कह दिया कि,अब तुम आजाद हो।

छोड़ दो किसी से वफा की आस ऐ दोस्त
जो रूला सकता हैं वो भुला भी सकता हैं

​प्यार की ख़ुशी एक पल ले लिए रहती है। प्यार का दर्द ज़िंदगी भर रहता है।​

प्यार भावनाओं से भरा हुआ एक सागर है जो खर्चों से पूरी तरह घिरा हुआ है।

जान तक देने की बात होती है यहाँ.
मगर अफसोस दुआ तक दिल से नहीं देते लोग.

जीत लू तुझे जमाने की हर ताकत से
इक बार जो तू आमीन कह दे मेरी दुआ के बाद

नीँद मे भी गिरते है मेरे आँसु,
जब भी तुम ख्वाब मे मेरा साथ छोड देते हो..

मौसम बदलते, बदलती ये परछाईया,
ना बदले कभी ये दोस्ती-यारियां…!!
🙏🙏🙏

में लखेलो दई गया,पोते लखेलो लई गया,
छे हजी संबंध के ए पत्र बदलावी गया..!!

हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये..
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही..

इतनी मनमानियाँ भी अच्छी नहीं होती
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरे भी हो

उन की तो फितरत थी सब से दिल लगाने की,
हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझ बैठे..!

यूँ ही मिट्टी से जुडा रहता है साया मेरा
इसको अपनी औकात भुलना नही आता

माना के बडा खुबसूरत हुस्न है तेरा
लेकिन दिल भी होता तो क्या बात होती

बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती