हिलते लबो को तो दुनिया जान लेती हैं..
मुझे उसकी तलाश है जो ख़ामोशी पढ़ ले..!

नज़र-नज़र का फर्क है, हुस्न का नहीं ;
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है !!

हिलते लबो को तो दुनिया जान लेती हैं..
मुझे उसकी तलाश है जो ख़ामोशी पढ़ ले..!

आज मुस्कुराने की हिम्मत नहीं मुझ में..
आज टूट कर मुझे तेरी याद आ रही है..!!

जिस घाव से खून नहीं निकलता,,
समज लेना वो ज़ख्म किसी
अपने ने ही दिया है...!!!

ये तो मेरा अंदाज हैं प्यारा सा पगली
हुनर तो तब दीखेगा जब मुकाबला होगा

SuN pagli वो तो बस ÐiL की ख्वाहिश थी तू
वरना मेरे शौक तो आज भी तेरी औकात से बङे हैं

SuN pagli वो तो बस ÐiL की ख्वाहिश थी तू
वरना मेरे शौक तो आज भी तेरी औकात से बङे हैं

पगली तेरी ख़ामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है,
तो रेहने दे, इश्क़ कोनसा जरुरी है. . .

क्यूँ ना सज़ा मिलती मुझे इश्क़ में
तोड़े दिल मैंने भी बहुत थे तेरी खातिर

ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया

आज तो हम खूब रुलायेंगे उन्हें
सुना है उसे रोते हुए लिपट जाने की आदत है

धडकनो को भी रास्ता दे दीजिये
जनाब आप तो सारे दिल पर कब्जा किये बैठे है

मेरी पलकों की नमी इस बात की गवाह है
मुझे आज भी तुमसे मोहब्बत बेपनाह है

जब तेरा दर्द मेरे साथ वफ़ा करता है
एक समन्दर मेरी आँखों से बहा करता है