प्रेम को कारण की ज़रुरत नहीं होती​ ​ वो दिल के तर्कहीन ज्ञान से बोलता है।

अपनी कहे अपनी सुने अपने लिए जिए मरे ,
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ऐसे सनम से दिल लगाना छोड़ दिया है !

चलिए जब भी एक दूसरे से मिलें मुस्कान के साथ मिलें यही प्रेम की शुरुआत है।

हम अपने प्यार पर काबू नहीं रख सकते पर हम अपने कार्यों पर काबू रख सकते हैं।

उसने जब से कहा है उस दिन दूर चली जाउंगी
ऐसा लगता है मौत का दिन तय हो गया हो

मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी

यहा वक्त पर आनेवाले की कोई किमत नही होती
देर से आने वालो को लोग Super Star कहते है

इतना मगरूर मत बन मुझे वक्त कहते हैं
मैंने कई बादशाहो को दरबान बनाया हैं

दूर गगन में उड़कर भी..लौट आते हैं..!
परिंदे इन्सान की तरह बेपरवाह नही होते...

उसने कहा हमारी चाहत में मर सकते हो
हमने कहा मर गए तो तुम्हे चाहेंगे कैसे

ख्वाब आँखों से गये नींद रातों से गयी
तुम गये तो लगा जिन्दगी हाथों से गयी

ए मौत जितनी ताकत है उतनी लगाले
मुझे पाने के लिए तुजे भी दुआ माँगनी पड़ेगी

“नसीब का लिखा तो मील ही जायेगा,
या रब,
देना हे तो वो दे जो तकदीर मे ना हो”..!!!

ठान लिया था कि अब और नहीं लिखेंगे
पर उन्हें देखा और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे

मैं खुल के हँस रहा हूँ फकीर होते हुए
वो मुस्कुरा भी ना पाया अमीर होते हुए