वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा

क्या खबर थी मोहब्बत हो जाएगी.
हमे तो बस तेरा मुस्कुराना अच्छा लगा था

सिलसिला वफाओं का एक नया चलाया मैंने
न उसको याद रखा न ही भुलाया मैंने

अक्सर पूछते है लोग किसके लिए लिखते हो
अक्सर कहता है दिल काश कोई होता

बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती

किसी पर मर जाने से शुरु होती है मोहब्बत
इश्क जिन्दा लोगों का काम नही

राज ज़ाहिर ना होने दो तो एक बात कहूँ
मैं धीरे धीरे तेरे बिन मर जाऊँगा

पार्लर जाके रंग तो गोरा कर लोगी पर क्या करोगी
तुम अपने इस काले दिल का

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना
नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की थी

शायरी से भरे पन्नों को छूकर देखा है कभी...
कोई दिल वहाँ भी धड़का करता है.. .

सपनो में रहने की आदत नहीं है मुझे
पर तुझसे मिलने का ये बहाना अच्छा है

डूबी हैं उगंलिया अपने ही लहू मे
ये कांच के टुकड़ों पर भरोसे की सजा है

आरज़ू होनी चाहिए किसी को याद करने की
लम्हें तो अपने आप ही मिल जाते हैं

एक तेरा ही नशा हमें मात दे गया वरना
मयखाना भी हमारे हाथ जोड़ा करता था

ये बात कैसे गंवारा करेगा दिल मेरा
कि तेरा नाम किसी गैर की जुबान पे हो