माना की लीखना कोई बहादुरी की
शान नहीं हैं, पर यारो, थोडा रहम करो,
मेरी कोई status की दुकान नहीं हैं ।

मैं सहंम जाता हूँ किसी भी पायल की
आवाज सुनकर !
वो याद आता है जिस बैवफा ने पैरों से
दिल रोंदा था !!

बहेंगी जब भी सर्द हवायें; हम खुद को तन्हा पायेंगे; एहसास तुम्हारे साथ का; हम कैसे महसूस कर पायेंगे।

न सफारी में नज़र आई और न ही फरारी में नज़र आई
जो खुशिया बचपन की दोस्तों के साथ साईकिल की सवारी में नज़र आई

एक आह जो दिल को रुला दे; एक वाह जो मन को बहला दे; एक राह जो मंजिल को मिला दे; और एक मैसेज जो अपनों की याद दिला दे!

हाथ पढ़ने वाले ने तो परेशानी में डाल दिया मुझे; लकीरें देख कर बोला तु मौत से नहीं किसी की . .. ... याद में मरेगी ।

हम तुमसे दूर कैसे रह पाते; दिल से तुमको कैसे भूल पाते; काश तुम आईने में बसे होते; ख़ुद को देखते तो तुम नज़र आते!

यादों से दिल भरता नहीं; दिल से यादें निकलती नहीं; यह कैसी कशमकश है; आपको याद किये बिना दिल को चैन मिलता नहीं।

एक दिन हमारे आँसू हमसे पूछ बैठे; हमें रोज़-रोज़ क्यों बुलाते हो; हमने कहा हम याद तो उन्हें करते हैं; तुम क्यों चले आते हो।

अजीब लगती है शाम कभी-कभी; ज़िंदगी लगती है बेजान कभी-कभी; समझ आये तो हमें भी बताना; कि क्यों करती हैं यादें परेशान कभी-कभी।

चाहो तो दिल से हम को मिटा देना; चाहो तो हम को भुला देना; पर यह वादा करो कि आए जो कभी याद हमारी; रोना मत सिर्फ मुस्कुरा देना।

बरसात आये तो ज़मीन गीली न हो, धूप आये तो सरसों पीली न हो, ए दोस्त तूने यह कैसे सोच लिया कि, तेरी याद आये और पलकें गीली न हों।.

पानी का एक कतरा आँख से गिरा अभी; क्या तुमने मुझको याद किया अभी; तुझसे मिले ज़माना हुआ मगर; यूँ लगा कोई मुझसे मिल कर गया अभी।

यादों की कीमत वो क्या जाने; जो खुद यादों को मिटा दिया करते हैं; यादों का मतलब तो उनसे पूछो; जो यादों के सहारे जिया करते हैं।

अजीब लगती है शाम कभी-कभी; जिंदगी लगती है बेजान कभी-कभी; समझ में आये तो हमें भी बताना कि; क्यों करती हैं यादें परेशान कभी-कभी।