इश्क़ पे मुक़दमा कर के क्या मिल जाएगा
हुश्न वालो को पकड़ो जो फसाद की जड़ है
इश्क़ पे मुक़दमा कर के क्या मिल जाएगा
हुश्न वालो को पकड़ो जो फसाद की जड़ है
मेरी बहादुरी के किस्से मशहुर थे शहर में
तुझे खो देने के डर ने कायर बना दिया
लिखा था राशि में आज खजाना मिल सकता हे
की अचानक गली में दोस्त पुराना दिख गया
हमने तेरे बाद न रखी किसी से मोहब्बत की आस; एक शक्स ही बहुत था जो सब कुछ सिखा गया!
मोह्हबत का सबसे कमज़ोर पहलु ये है कि
ये किसी घटिया इंसान के साथ भी हो सकती है
बड़ी ही ताकत थी उनके अल्फ़ाज़ में यारों
पत्थर सा दिल मेरा पल भर में चूर कर दिया
तुम मेरे पास थे हो और रहोगे सदा
खुदा का शुक्र है यादों की कोई उम्र नहीं होती
जी तो चाहता है चीर के रख दूं तुझे ए दिल
न तूं रहे तुझमे और न मोहब्बत रहे मुजमे
उसकी हर गलती माफ हो जाती है,
जब वो मुस्कुरा कर पुछती है
करवु छे आजे....?...😜
😜😜
जो अधूरी रह गयी थी वो कहानी सोचना..
कभी बैठकर तन्हा अपनी बातें पुरानी सोचना...
मेरी नाराज़गी पर हक़ मेरे अहबाब का है बस; भला दुश्मन से भी कोई कभी नाराज़ होता है।
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब
आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर
मेरे दिल की हालत भी मेरे वतन
जैसी है...
जिसको दी हुकुमत उसी ने बर्बाद
किया...
नरम नरम फूलों का रस निचोड़ लेती है
पत्थर के दिल होते है तितलियों के सीने में
मेरे चेहरे से जो जाहिर है जरा पढके बता
सुना है मेरे दोस्त तू पढा लिखा बहुत है