मौत भी अजीब चीज़ है… 1 दिन मरने के लिये साली पूरी ज़िन्दगी जीनी पड़ती हे....

पतंग सी हैं जिंदगी कहाँ तक जाएगी
रात हो या उम्र एक ना एक दिन कट ही जाएगी

रोने से अगर वो मिल जाये तो,
भगवान की कसम ईस धरती पे सावन की बरसात लगा दूँ..

लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देखुं
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं

अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली
गरीब हूँ इसलीये दील असली दे रहा हु

तुम तो कहते थे कभी भूलोगे नहीं मुझे
फिर ये हिचकिया बंद कैसे हो गयी मेरी

ना छोड़ना मेरा साथ ज़िन्दगी में कभी
शायद मैं ज़िंदा हूँ तेरे साथ की वजह से

सुना है आग लग गयी है बेवफाओ की बस्ती में
या खुदा मेरी मेहबूब की खैर रखना

मेरी मोहब्बत भी काले धन की तरह है
छुपा भी नहीं सकते और दिखा भी नहीं सकते

हुए बदनाम मगर फिर भी न सुधर पाए हम
फिर वही शायरी फिर वही इश्क फिर वही तुम

बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती हैं !
काले तो आधे घंटे में हो जाते हैं !!

इक बात कहूँ इश्क बुरा तो नहीँ मानोगे
बङी मौज के थे दिन तेरी पहचान से पहले

एक ही बात इन लकीरों में अच्छी है
धोखा देती हैं मग़र रहती हाथों में ह़ी हैं

ना जीने का शौक है मरने की तलब रखते हैं
दीवाने हैं हम दीवानगी गजब रखते हैं

~धडकनो को भी रास्ता दे
दीजिये,जनाब,आप तो सारे दिल पर
कब्जा किये बैठे है...