सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं
सिमट गया मेरा प्यार भी चंद अल्फाजों में
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं
मौहब्बत की मिसाल में
बस इतना ही कहूँगा
बेमिसाल सज़ा है
किसी बेगुनाह के लिए
छोङो ना यार क्या रखा है सुनने और सुनाने मेँ
किसी ने कसर नहीँ छोङी दिल दुखाने मेँ
अफसोस की मेरे आँसू भी तेरी चाहत खरीद ना सके
और लोगो की हँसी ने तुझे अपना बना लिया
आज फिर बैठा हूँ हिचकियों के इन्तिज़ार में.
देखूं तो सही तुम कब मुझे याद करते हो ।।
मैं तेरा हो जाऊ इतनी छोटी मेरी सोच नही
और तू मेरी हो जाये इतनी बड़ी तेरी औकाद नही.
मोहब्बत जीत जाएगी अगर तुम मान जाओ तो
मेरे दिल मैं तुम ही तुम हो अगर तुम जान जाओ तो
कुछ तो खास है जो तुझको मुझसे जोड़े रखता है
वरना इतना माफ तो मैंने खुद को भी न किया!
ये जिंदगी भी बहुत अज़ीब है
कौन कब कहाँ अपना बन जाता है
खो देने के बाद पता चलता है।
क्या मिला तुम्हें सारी उम्र मोहब्बत करके
एक रोने का हुनर और एक रातों का जागना
G.R..s
मेरे इंतज़ार की हद और क्या होगी ज़ालिम , कि मेरी आँखें बन्द न हुई मेरे मरने के बाद भी ..
कैसे कैसे लोग बस्ते है इस जहाँ में
एक से वफ़ा कर नहीं सकते दूसरे से दिल लगा लेते है
वो याद आयी कुछ यूँ, कि लौट आए सब सिलसिले....
ठन्डी हवा, पीले पत्ते और दिसम्बर के ये दिन...
खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका
मोहब्बत चार दिन कि थी तो शौक कितने दिन का होगा
इश्क के रिश्ते भी बड़े नाजुक होते है दोस्तो,
रात को नम्बर बिजी आने पर भी टूट जाते है..