अपनी जिंदगी के अलग असूल है
यार‬‬ की खातिर तो कांटे भी कबूल है

वो ना ही मिलते तो अच्छा होता
बेकार में मोहोब्बत से नफरत हो गई

ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो दर्द की शिद्दत
दर्द तो दर्द होता हैं

ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया

ताकत के संग नेक इरादे भी रखना
वरना ऐसा क्या था जो रावण हार गया

करोडो की दुआ ऐक रूपए में दे गया
पता नही चलतागरीब वोह था या में

ए खुदा मुझे प्यार उसी से हो जो
मुझे पाकर प्यार में पागल हो जाए

इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से
वो होता है और होकर ही रहता है

वो आज फिर से मिले अजनबी से बनकर
और हमें आज फिर से मोहब्बत हो गई

शायर तो हम "दिल" से है
कमबख्त "दिमाग" ने
व्यापारी बना दिया..!!

शेरों को कहना नया शिकारी आया हैं,
या तो हुकूमत छोड़ दे या जीना..

Attitude‬ तो बचपन से है
जब पैदा हुआ तो डेढ़ साल मैंने किसी से बात नही की

मंजिले कितनी भी ऊँची हो,
पर रास्ते हमेशा पैरो के नीचे होते है....

अच्छा हुआ तूने ठुकरा दिया मुझे
प्यार चाहिए था तेरा एहसान नही

इधर आओ जी भर के हुनर आज़माएँ
तुम तीर आज़माओ हम ज़िग़र आज़माएँ