इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की; कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए!
इतनी मुश्किल भी ना थी राह मेरी मोहब्बत की; कुछ ज़माना खिलाफ हुआ कुछ वो बेवफा हो गए!
मैं तो छोटा हूँ झुका दूँगा कभी भी अपना सर
सब बड़े ये तय तो कर लें, सब से बड़ा कौन है
जरूरी नही धोखा प्यार में ही मिले
आजकल तो सभी रिश्तों में धोखेबाज़ भरे पड़े हैं
तुम्हारे जिस्म की ख़ुश्बू गुलों से आती है
ख़बर तक तुम्हारी अब दूसरों से आती है
दिल खोल कर इन लम्हों को जी लो यारों,
जिंदगी अपना इतिहास फिर नहीं दोहरायेगी!
प्यार मोहब्बत आशिकी ये बस अल्फाज थे
मगर जब तुम मिले तब इन अल्फाजो को मायने मिले
आज अजीब किस्सा देखा हमने खुदखुशी का
एक शख्स ने ज़िन्दगी से तंग आकर महोब्बत कर ली
तप रहीं हैं इमारतें, अब कच्चे गाँव कहाँ
चिलचिलाती धूप में अब पेडों की छाँव कहाँ
"उस पुरानी दास्ताँ को आज पूरी कर ही दें
जो मेरी हसरत की स्याही से अधूरी रह गई।।"
"जलने वालों की दुआ से ही सारी बरकत है..!!
वरना...अपना कहने वाले लोग तो यादभी नही करते..
कोई जरा पता करना
"पतंजलि"
वाले आयुर्वेदिक
व्हिस्की बनाते है क्या ?
😜😜😳😄
री कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो की
लोग रोने लगे मेरे लिए तालियाँ बजाते बजाते
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग
दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग
किसी को मिल गया मौका बुलन्दियों को छूने का
मेरा नाकाम होना भी किसी के काम तो आया
मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है
ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं