खुदा करे ये जिंदगी में मकाम आये ,
तुजे भूलने की दुआ करू और दुआ में तेरा नाम आये ।

खुद भी वो हमसें बिछड़ कर अधूरा सा हो गया; मुझको भी इतने लोगों में तन्हा बना दिया।

काफ़िर हुए थे जिस की मोहब्बत में कल हम; आज वही शख्स किसी और के लिए मुस्लमान हो गया।

इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोग,दिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग..

कितनी फिकर है क़ुदरत को मेरे तन्हाई की
जागते रहते हैं रात भर सितारे मेरे लिये

मेरी बेकरारी देखी है ,कभी सब्र भी देख
मैं इतना खामोश हो जाऊँगा तू चिल्ला उठेगी

आज का फोकट ज्ञान उससे गाली गलौज ना करें
जिसका नेट और टाइपिंग स्पीड आपसे तेज हो

फैसले से पहेले कैसे मान लूं हार क्योंकी
वक्त अभी जीता नहीँ और मैं अभी हारा नही

जिन्दगी से हम अपनी..कुछ उधार
नहीं लेते !
कफन भी लेते हैं तो अपनी
जिंदगी देकर..!!

किसी रोज़ रोशन मेरी भी ज़िंदगी होगी
इंतेज़ार सुबह का नही किसी के लौट आने का है

सिगारेट जलाई थी उसकी याद भुलाने के लिए पर
कमबक्त धुवे ने उसकी ही तस्वीर बना दी

मत सोना किसी के गोद में सर रखकर,
जब वो छोङता है तो रेशम के तकिय पर भी नीदं नही आती...

हम ने चलना छोड़ दिया अब उन राहों में
टूटे वादों के टुकड़े चुभते है अब पांवो में

पूरी दुनिया मज़हबी नफरतो में जल रही है
फिर भी ना जाने ठण्ड क्यों इतनी पड़ रही है।

कोई दुश्मनी नही ज़िन्दगी से मेरी बस ज़िद्द है
की किसी के साथ नही जीना चाहता अब