सुबह-सुबह एक पैगाम देना है; आपको सुबह का पहला सलाम देना है; गुज़रे सारा दिन आपका ख़ुशी में; आपकी सुबह को खूबसूरत सा नाम देना है। सुप्रभात!

गुलशन में भंवरों का फेरा हो गया; पूरब में सूरज का डेरा हो गया; मुस्कान के साथ आँखें खोल प्यारे; एक बार फिर से सवेरा हो गया। गुड मॉर्निंग!

ज़िन्दगी गुज़रे आपकी हँसते-हँसते; प्यार और ख़ुशी मिले रस्ते-रस्ते; हो मुबारक आपको नया सवेरा; क़बूल करें हमारी सलाम-नमस्ते। गुड मॉर्निंग!

सुबह सुबह सूरज का साथ हो; परिंदों की चहचहाने की आवाज हो; हाथ में चाय का कप और यादों में आप हों; उस खुश नुमा सुबह की क्या बात हो। सुप्रभात।

इन ताज़ी हवाओं में फूलों की महक हो; पहली किरण में चिड़ियों की चहक हो; जब भी खोलो आप अपनी आँखें; इन पलकों में बस ख़ुशियों की झलक हो। सुप्रभात!

दिल को दिल से चुराया तुमने; मुझे अपना बनाया तुमने; कभी भूल नहीं पायेंगे तुम्हें ऐ दोस्त; क्योंकि दोस्ती करना सिखाया तुमने। सुप्रभात!

रात ने चादर समेट ली है; सूरज ने किरणें बिखेर दी है; चलो उठो और शुक्रिया करो अपने भगवान का; जिसने हमें ये प्यारी सुबह दी है। गुड मॉर्निंग!

सुबह-सुबह 3 बातों का ध्यान रखें: 1. भगवान को याद करो ताकि तुम जी सको; 2. मेरे को मैसेज करो ताकि मैं जी सकूँ; 3. नहा लो ताकि लोग जी सकें। सुप्रभात।

वादियों से सूरज निकल आया है; फिजाओं में नया रंग छाया है; खामोश क्यों हो अब तो मुस्कुराओ; आपकी मुस्कान देखने नया सवेरा आया है। सुप्रभात!

सुबह का हर पल जिंदगी दे आपको; दिन का हर लम्हा ख़ुशी दे आपको; जहाँ से गम की हवा छूकर भी न गुजरे; खुदा वो जन्नत सी जमीं दे आपको। गुड मॉर्निंग!

हर नई सुबह का नया नया नज़ारा; ठंडी हवा लेकर आई पैगाम हमारा; जागो उठो तैयार हो जाओ मामू; खुशियों से भरा रहे आज का दिन तुम्हारा। सुप्रभात।

ऐ चाँद मेरे दोस्त को एक तोहफ़ा देना; तारों की महफ़िल संग रौशनी करना; छुपा लेना अंधेरों को; हर रात के बाद एक खूबसूरत सवेरा देना। सुप्रभात!

बहारों का समय होता है आपके आने से; फूल खिलते हैं आपकी आहट से; ज्यादा मत सोईए जनाब; क्योंकि हर सुबह होती है आपके मुस्कुराने से। सुप्रभात!

इंसान को कभी भी अपने आप पर ग़रूर नहीं करना चाहिये कयोकि... भगवान ने मेरे जैसे कितनों को मिट्टी से बना कर मिट्टी में मिला दिया। सुप्रभात!

रहना तो चाहते थे साथ उनके; पर इस ज़माने ने रहने ना दिया; कभी वक़्त की ख़ामोशी में खामोश रहे; तो कभी उनकी खामोशी ने कुछ कहने ना दिया। सुप्रभात!