चला लेने दे बापू facebook whatsapp पढ़ लिख कर कोनसा star बन जाना है
नौकरी तो मिलनी नी किसी chori का yaar बन जाना है
er kasz

कमाकर उतनी दौलत भी में अपनी माँ को दे नही पाया
जितने सिक्कों से वह मेरी नजर उतारा करती थी

अजीब तमाशा है मिट्टी के बने लोगों का यारो
बेवफ़ाई करो तो रोते है और वफ़ा करो तो रुलाते है

आँखों‬ में तेरा सपना दिल‬ में तेरी ख्वाहिश
बस‬ हमेशा यूँ ही साथ रहना इतनी‬ सी है गुजारिश

कितनी मासुम सी ख़्वाहिश थी इस नादांन दिल की
जो चाहता था कि शादी भी करूँ और ख़ुश भी रहूँ
Er kasz

सुना है आज उसकी आँखों में आंसू आ गये...
वो बच्चों को सीखा रही थी की "मोह्हब्बत" ऐसे लिखते हैं..!!

कोई नामुमकिन सी बात मुमकिन करके दिखा
खुद पहचान लेगा जमाना तुझे तू भीड़ में भी अलग चल कर दिखा

माना की तुम्हारी एक आवाज़ से भीड़ उभर आती हे
पर पगले हमारी एक ललकार से सारी भीड़ बिखर जाती हे
er kasz

सूरत नहीं देखी तेरी अरसे से
बस वो आखिरी बार का मुस्कुरा के मिलना आज भी जीने की वजह है मेरी
Er kasz

मोहब्बत बड़ी खामोश दुआ मानी जाती है इबादत मे
सच्चे दिवाने मौहब्बत का ढिढोंरा पीटा नही करते

वो बोली छोड क्लास को film देखने चलते हैं
मै बोला इतनी selfish ना बन उनके लिए भी सोच जो मेरे लिए class में आती है

होटल समझ क़र अदालत में चले गए सामने बेठा जजः बोला ऑडर ऑडर
हमने भी बोल दिया एक सलाद और दो क्वार्

मुझको पढ़ पाना हर किसी के लिए मुमकिन नहीं
मै वो किताब हूँ जिसमे शब्दों की जगह जज्बात लिखे है
Er kasz

जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दतसे चाहने वाला
Er kasz

जन्म देती है पालती है और बोलना सिखाती है जो औरत
ए दोस्त अफ़सोस तेरी गाली में भी उसका नाम होता है
Er kasz