हम बेबस हैं बे-परवाह नहीं; हम उदास हैं खफ़ा नहीं; कदर करते हैं दोस्तों की दिल से; हम जिंदगी में मजबूर तो हो सकते हैं लेकिन बेवफ़ा नहीं।

कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो; कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो; रिश्ते तो मिलते हैं मुक़द्दर से बस; उन्हें ख़ूबसूरती से निभाना सीखो।

स्वार्थ से रिश्ते बनाने कि कितनी भी कोशिश करो रिश्ते बनेगें नहीं। और प्यार से बने रिश्ते तोड़ने की कितनी भी कोशिश करो रिश्ते टूटेगें नहीं।

कुछ रिश्ते ऊपर वाला बनाता है; कुछ रिश्ते लोग बनाते हैं; पर वो लोग बहुत ख़ास होते हैं; जो बिना रिश्ते के कोई रिश्ता निभाते हैं।

थोड़े ही समय में दिल में जगह बनाने वाले लोग थोड़े ही समय में दिल से उतर भी जाते हैं।

जब नाख़ून बढ़ जाते हैं तो नाख़ून ही काटे जाते हैं उँगलियाँ नहीं। इसलिए अगर रिश्तों में दरार आ जाये तो दरार को मिटाइये रिश्तों को नहीं।

करीब इतना रहो कि सब रिश्तों में प्यार रहे; दूर भी इतना रहो कि आने का इंतज़ार रहे; रखो उम्मीद रिश्तों के दरमियान इतनी; कि टूट जाये उम्मीद मगर रिश्ते बरक़रार रहें।

एक बात हमेशा याद रखना; बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी लगती हैं लेकिन बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते।

यहाँ कौन किसका रकीब होता है; कौन किसका हबीब होता है; बन जाते हैं रिश्ते इस दुनिया में; जहाँ जहाँ जिसका नसीब होता है।

रिश्ते और पौधे दोनों एक जैसे होते हैं; लगाकर भूल जाओ तो दोनों ही सूख जाते हैं।

दिमाग पर ज़ोर लगाकर गिनते हो गलतियां मेरी; कभी दिल पर हाथ रख के पूछना कसूर किसका है।

रिश्तों में प्यार की मिठास रहे; एक न मिटने वाला एहसास रहे; कहने को छोटी सी है यह जिंदगी; लंबी हो जाये अगर आपका साथ रहे।

मशहूर होना पर मगरूर न होना; कामयाबी के नशे में चूर न होना; मिल जाए सारी कायनात आपको मगर इसके लिए; अपनों से कभी दूर न होना!

कुछ मीठे पल याद आते हैं; पलकों पर आँसू छोड़ जाते हैं; कल कोई और मिल जाये तो हमें न भूलना; क्योंकि कुछ रिश्ते उम्र भर काम आते हैं।

दिल के रिश्ते का कोई नाम नहीं होता; हर रास्ते का मुक़ाम नहीं होता; अगर निभाने की चाहत हो दोनों तरफ; तो क़सम से कोई रिश्ता नाक़ाम नही होता।