आलस्य दरिद्रता का मूल है।

अब तो अपनी तबियत भी कुछ जुदा सी लगती है; सांस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा सी लगती है; कभी राज़ी तो कभी मुझसे खफा सी लगती है; ज़िंदगी तु ही बता कि तु मेरी क्या लगती है।

तुने तो रुला के रख दिया ए-जिन्दगी​;जा कर पूछ मेरी माँ से ​ कितने लाडले थे हम...

ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी! फर्क तो रंगों का है! मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर; और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!!!

मौत सिर्फ नाम से बदनाम है वरना तकलीफ़ तो जिंदगी ही ज्यादा देती है; और बीवी भी सिर्फ नाम से बदनाम है वरना तकलीफ़ में सिर्फ वही साथ देती है।

नाम में क्या रखा है जिसे हम गुलाब कहते है वह किसी दूसरे नाम से भी वैसी ही सुगंध देगा।

जिंदगी भर कोई साथ नहीं देता; ये जान लिया है अब; लोग भी तभी याद करते हैं; जब वो खुद अकेले हों तब।

कितना और बदलूं खुद को जिंदगी जीने के लिए; ऐ जिंदगी मुझको थोडा सा... मुझमे बाकी रहने दे!

ना किसी के आभाव में जियो ना किसी के प्रभाव में जियो; ये जिंदगी आपकी है बस इसे अपने मस्त स्वाभाव में जियो।

जिंदगी बहुत कुछ सिखाती है; कभी हंसती है तो कभी रुलाती है; पर जो हर हाल में खुश रहते हैं; जिंदगी उनके आगे सर झुकाती है।

कुछ अरमान उन बारिश की बूंदों की तरह होते है; जिनको छुने की ख्वाहिश में हथेलिया तो गीली हो जाती है; पर हाथ हमेशा खाली रह जाते हैं।

कुछ लोग जीवन में इतने व्यस्त है कि वे जीना भूल जाते है।

तेरी नेकी का लिबास ही तेरा बदन ढकेगा ऐ बंदे; सुना है ऊपर वाले के घर कपड़ों की दुकान नहीं होती।

जीवन मिलना भाग्य की बात है मृत्यु होना समय की बात है लेकिन मृत्यु के बाद भी लोगों के दिलों में जीवित रहना ये कर्मों की बात है।

जिंदगी आईसक्रीम की तरह है। टेस्ट करो तो भी पिघलती है; वेस्ट करो तो भी पिघलती है। इसलिए जिंदगी को टेस्ट करना सीखो वेस्ट तो हो ही रही है।