गुज़ारिशें थक न जायें कहीं मिन्नते करते करते
कभी तो दुआ की तरह आके तू थाम ले मुझे
गुज़ारिशें थक न जायें कहीं मिन्नते करते करते
कभी तो दुआ की तरह आके तू थाम ले मुझे
तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी उन्हें देदू
मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते है
सरकार ढूंढ-ढूढ कर सिर्फ काले धन वालो को ही पकड़ रही है
काले मन वाले निश्चिन्त रहें
ना मजहब, ना शोहरत, और ना ही रंगो का फर्क था
ए मौत तेरे डर से आज सभी चेहरे एक से नजर आएं
जीत गया तू मैं आखिर हार गई
कई रुख धारें मोडीं ह्रदय में प्रेम की नदिया आखिर सूख गई
उस शक्श से फ़क़त इतना सा ताल्लुक हैं मेरा !!
वो परेशान होता है तो मुझे नींद नही आती है !!
हजारो हसिनाये आऐगी और हजारो जाऐगी
पर इस बादशाह के दिल की रानी तू है और तू ही रहेगी
तुम जिन्दगी में आ तो गये हो मगर ख्याल रखना
हम ‘जान’ दे देते हैं मगर जाने नहीं देते
दिखाने के लिए तो हम भी बना सकते हैं ताजमहल
मगर मुमताज को मरने दे हम वो शाहजहाँ नही
ऐ इश्क़ दिल की बात कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगे
बड़ी राहत के दिन थे तेरी पहचान से पहले
अगर आपके अन्दर बस एक मुस्कान बची है तो उसे उन्हें दीजिये जिनसे आप प्रेम करते है।
ऐ इश्क़ दिल की बात कहूँ तो बुरा तो नहीं मानोगे
बड़ी राहत के दिन थे तेरी पहचान से पहले
खेलने दो उन्हे जब तक जी न भर जाए उनका
मोहब्बत चार दिन कि थी तो शौक कितने दिन का होगा
हम धर्म और ध्यान के बिना रह सकते हैं लेकिन हम मानव स्नेह के बिना जीवित नहीं रह सकते।
जब आप किसी से प्रेम करते हो तो आपकी सारी बचाई हुई इच्छाएं बाहर आणि शुरू हो जाती हैं।