जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला

कुछ लोग इस कदर खास होते हैं।
दूर हों चाहे कितना भी निगाहों से...
फिर भी वो दिल के पास होते है....

सोचता हुं उसकी तारीफ में कुछ लिखुं फिर खयाल आता है कि
कहीं पढने वाला भी उसका दिवाना ना हो जाए

जादू आता है तुम्हे या किसी और इल्म में माहिर हो
हमारे दिल पे क़ब्ज़ा किसी आम शख्स का काम नहीं

न लफ़्ज़ों का लहू निकलता है न किताबें बोल पाती हैं
मेरे दर्द के थे दो गवाह दोनों बे-जुबान निकले

मेरे मरने पर किसी को ज़यादा फर्क ना पड़ेगा ऐ दोस्त
बस एक तन्हाई रोएगी की मेरा हम सफ़र चला गया

हम आदर्श प्रेम का निर्माण करने के बजाये आदर्श प्रेमी को खोजने में अपना समय बर्वाद कर देते है।

हम उनसे तो लड़ सकते हैं जो खुले आम दुश्मनी रखते हैं
पर उनका क्या करें जो साथ रहकर वार करते हैं

वक्त का तकाजा हर फर्ज़ को मजबूर करता है
वरना कौन पिता अपनी चाँद सी बेटी को अपने से दूर करता है

टूट जायेंगी तेरी "ज़िद" की आदत उस वक़्त.!!
जब मिलेगी ख़बर तूजको की याद करनेlवाला अब याद बन गया ह

हम तो बातो-बातो में दिल की बात कह
जाते हैं... और कई
लोग... गीता पर हाथ रख कर भी, सच नहीं
कह पाते है..!!

अब इस से भी बढ़कर गुनाह-ए-आशिकी क्या होगा
जब रिहाई का वक्त आया तो पिंजरे से मोहब्बत हो चुकी थी.

कुछ खवाब सुहाने टुट गऐ
कुछ यार पुराने रूठ गऐ
कुछ जख्म लगे थे चहरे पर
कुछ अन्दर से हम टुट गऐ

देखी जो नब्ज मेरी हँस कर बोला वो हकीम
जा जमा ले महफिल दोस्तों के साथ तेरे हर मर्ज की दवा वही है

सुबह सुबह कोई बहोत ही प्यार से आपको मॉर्निंग Wish करे
तो यकिनन मॉर्निंग ख़ूबसूरत हो ही जाती हैं