दुशमन सामने आने से भी डरते थे . . .
और वो पगली दिल से खेल के चली गई....।

प्रेम के अंकगणित में ​1+1= सबकुछ हो जाता है और 2-1= कुछ नहीं हो जाता है।

दो लफ्ज लिखे जो तेरी याद मेँ
सब कहने लगे तू आशिक बहुत पुराना है

दुनिया में सबसे बड़ी विज्ञान; स्वर्ग में और पृथ्वी पर; प्यार है।

हम बने थे तबाह होने के लिए…… तेरा छोड़ जाना तो महज़ इक बहाना था….!!

अगर बेवफाओं की अलग ही दुनिया होती तो
मेरी वाली वहा की रानी होती.

कुछ लोग आए थे मेरा दुख बाँटने,
मैं जब खुश हुआ तो खफा होकर चल दिये...!!!

प्रेम के बिना जीवन उस वृक्ष की भांति है जो फूल तथा फलों से रहित है।

प्रेम त्याग की माँ है। वह जहाँ जाती है अपने बेटे को साथ ले जाती है।

मैंने तुझे शब्दों में महसूस किया है
लोग तो तस्वीर पसंद करते हैं

नाम से नाम नहीं जुड़ा करते बुद्धु
दिल से दिल जुड़ा करते हैं समझे

अब उस नासमझ को समझाना छोड़ दिया
अब उसकी नासमझी से भी प्यार हो गया

कदमो को रुकने का हुनर नहीं आया
सभी मंजिले निकल गयी पर घर नहीं आया

तुम मिल गयी तो खुदा भी नाराज है मुझसे
कहता है अब तू कुछ मांगता नही

न मिलना हुआ कभी न कभी बिछड़ना हुआ
दिल इश्क का कैदी था कभी रिहा न हुआ