अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
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उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय
अब तक याद कर रही हो, पागल हो तुम.
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उसने तो तेरे बाद भी हजारों भुला दिय
चाहे दुश्मन मिलें चार या चार हजार सब
पर भारी पड़ेंगे मेरे जिगरी यार
कोई ऐसा आइना बना दे मेरे मालिक
जिसमे चेहरा नही इंसान की औकात दिख जाए
वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर,
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा!
आप प्यार नहीं खरीद सकते हैं लेकिन आप इसके लिए भारी कीमत चुका सकते हैं।
सुनो तुम चाय अच्छी बनाती हो पर
मुंह बनाने मे भी तुम्हारा कोई जवाब नही
हम तो फिरते थे उसकी तस्वीर ले लेकर दर बदर
उसे आज तक ना प्यार दिखाना आया
ऐ खुदा मुसीबत मैं डाल दे मुझे
किसी ने बुरे वक़्त मैं आने का वादा किया है
यार सुना है इश्क से तेरी बहुत बनती है
एक एहसान कर उस से मेरा कसूर तो पूछ
इंसान सब कुछ कर सकता है लेकिन अपनी इच्छा के विरुद्ध प्रेम नहीं कर सकता।
प्रेम को कारण की ज़रुरत नहीं होती। वो दिल के तर्कहीन ज्ञान से बोलता है।
प्यार था, मुहब्बत था, इश्क़ था, अदा था,
वफ़ा भी होती तो क़यामत था वो शख़्स
रोने से अगर वो मिल जाये तो,
भगवान की कसम ईस धरती पे सावन की बरसात लगा दूँ..
अभी शीशा हूँ सबकी आँखों में चुभता हूं
जब आईना बनूँगा सारा जहाँ देखेगा
चलती फिरती आँखों से अजां देखी है
मैने ज़न्नत तो नहीं देखी है माँ देखी है