रोता वही है जिसने महसूस कि हो सच्ची मोहब्बत
वरना मतलब के रिश्तें रखने वाले को तो कोई भी नही रूला सकता
रोता वही है जिसने महसूस कि हो सच्ची मोहब्बत
वरना मतलब के रिश्तें रखने वाले को तो कोई भी नही रूला सकता
कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों
मैं मशहूर होके भी क्या करूँ ए दोस्त इस बस्ती में
मेरे सारे ख्वाब बहा दिए मैंने रख के एक डूबती कश्ती में
मैं इस दील में सबको आने देता हूँ पर कभी शक मत करना
क्युकि जहाँ तुम रेहती हो वहाँ किसी को जाने भी नहीं देता
आओ ले चलें इश्क को वहाँ तक जहाँ फिर से कोई कहानी बने
जहाँ फिर कोई गालिब नज्म़ पढे फिर कोई मीरा दिवानी बने
कदम यूँ ही डगमगा गए रास्ते में; वैसे संभालना हम भी जानते थे; ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से; जिसे हम अपना मानते थे।
हम वो हैं जो आँखों में आँखें डाल के सच जान लेते हैं
तुझसे मुहब्बत है बस
इसलिये तेरे झूठ भी सच मान लेते हैं...!
ऐ खुदा मेंरी किस्मत से खेलना शौक है तेरा
या तेरे दुसरे खिलोनो में मेरे जितना बर्दास्त करने की ताकत नहीं हे
आँखों में बसी है प्यारी सूरत तेरी और दिल में बसा है तेरा प्यार
चाहे तू कबूल करे या ना करे; हमें रहेगा तेरा इंतज़ार
रातें गुमनाम होती है दिन किसि के नाम होता है
हम ज़िंदगी कुछ इस तरह जीते है की हर लम्हा सिर्फ़ दोस्तों के ही नाम होता है
वफ़ा करने से मुकर गया है दिल; अब प्यार करने से डर गया है दिल; अब किसी सहारे की बात मत करना; झूठे दिलासों से भर गया है अब यह दिल।
दोस्ती इन्सान की ज़रुरत है दिलों पर दोस्ती की हुकुमत है
आपके प्यार की वजह से जिंदा हूँ वरना खुदा को भी हमारी ज़रुरत है
एक बात सुन पगली आऊंगा तेरी गली में ही चाहे देर क्यों ना हो जाए लेकिन
मोहब्बततो तुझी से करुंगा फिर चाहे जेल क्यों ना हो जाए
मे तोड़ लेता अगर तू गुलाब होती
मे जवाब बनता अगर तू सबाल होती
सब जानते है मैं नशा नही करता
मगर में भी पी लेता अगर तू शराब होती
मत बता मुझे मन्दिर और मस्जिद के रसूख़ की कहानी
मैं मज़दूर हूँ पता नहीं कितने अल्लाह और भगवान के ठिकाने इन हाथों ने बनाये होंगे