सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो

कर लो इकरार जब तक जिन्दा हूँ फिर ना कहना
चला गया पागल दिल मे उसकी शायरीयाँ और यादे छोड़ कर

ना दीदार का इंतजार, ना जुदाई का फिक्र, कितने सकून से सोते होंगे वो लोग जो मोहब्बत नहीं करते!!!!!!

लो फिर से तुमहे देख कर शम॔ से नजरे झुका दी हमने
अब इसे इकरारे मोहब्बत समझो या कोई अदा हमारी

मोहब्बत छोड के हर एक जुर्म कर लेना
वरना तुम भी मुसाफिर बन जाओगे हमारी तरह इन तन्हा रातों के

वो खुद पर गरूर करते है तो इसमें हैरत की
कोई बात नहीं जिन्हें हम चाहते है वो आम हो ही नहीं सकते

जिसे शिद्दत से चाहो वो मुद्दत से मिलता है
बस मुद्दत से ही नहीं मिला कोई शिद्दत से चाहने वाला

दिन भी ढल गया शाम भी सताने आ गयी
प्यार निभाने का वादा तो करती नही मुझ पे हक जताने उसकी याद आ गयी

तुम्हे उल्फ़त नही मुझसे मुझे फुर्सत नही तुम से
अजीब शिकवा सा रहता है तुम्हे मुझसे मुझे तुम से

आज जिस्म मे जान है तो देखते नही हैं लोग...
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जब "रूह" निकल जाएगी तो कफन हटा-हटा कर देखेंगे लोग.......

मत कूदो उस समुंदर में जिसका कोई साहिल न हो
आज हम तुम्हारे काबिल नहीं शायद कल तुम हमारे काबिल न हो

बादलो_से_कह_दो_जरा_सोच_समझकर_बरसे
‪अगर_मुझे_उस_बेवफा_कि_याद_आ_गयी‬ ,..
‪तो_मुकाबला_बराबरी_का_होगा‬...

नाराज़ क्यों होते हो चले जाएंगे तुम्हारी महफ़िल से
लेकिन पहले मुझे मेरे दिल के टुकड़े तो उठा लेने दो

मुझे हराकर कोई मेरी जान भी ले जाए मुझे
मंजुर है ,,लेकिन धोखा देने वालों को मै
दुबारा मौका नही देता .

हम दोनों ही डरते थे...एक दूसरे से बात करने में...
मैं,मोहब्बत हो गयी थी इसलिए...वो,मोहब्बत न हो जाये इसलिए...!!