अगर मोहब्बत नही थी तो बता दिया होता; तेरे एक चुप ने मेरी ज़िन्दगी तबाह कर दी!
अगर मोहब्बत नही थी तो बता दिया होता; तेरे एक चुप ने मेरी ज़िन्दगी तबाह कर दी!
तेरी बेवफाई ने मेरा ये हाल कर दिया है; मैं नहीं रोती लोग मुझे देख कर रोते हैं!
अंदर कोई झांके तो टुकड़ो में मिलूंगा
यह हँसता हुआ चेहरा तो ज़माने के लिए है
मुसीबतो से उभरती है शख्सियत यारो
जो चट्टानों से न उलझे वो झरना किस काम का
जिन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नहीं लेते
कफन भी लेते हैं तो अपनी जिंदगी देकर
तुम मेरे रास्तों को नहीं मोड़ सकते
क्यों की मैं मोड़ पर ही रास्ता बनाता हूँ
बदल जाती हो तुम !! कुछ पल साथ बिताने के बाद……
यह तुम मोहब्बत करती हो या नशा….
मुहोब्बत नहीं थी उसे मुझसे ये जानता था मैं
फिर भी ये बात कहाँ मानता था मैं
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू
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हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया हँस के वो कहने लगे रात गई बात गई ...!!!
मुहोब्बत नहीं थी उसे मुझसे ये जानता था मैं
फिर भी ये बात कहाँ मानता था मैं
भीगी भीगी सी ये जो मेरी लिखावट है
स्याही में थोड़ी सी, अश्कों की मिलावट है
तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है
पूरी उसकी होती है जो तकदीर लेकर आता है
तमाम उम्र इसी बात का गुरुर रहा मुझे
किसी ने मुझसे कहा था की हम तुम्हारे है