काश वो दिन अब और जल्दी आये
जब मन की आखो से अच्छी तरह से तुम्हे निहार सकूं

रात को आजाद हो जाते हैं जाने किस तरह
सारा दिन रखता हूँ मै तो आंसू बाँध कर

ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है

अपनी कहे अपनी सुने अपने लिए जिए मरे ,
.
ऐसे सनम से दिल लगाना छोड़ दिया है !

तेरी तलाश में निकलू भी तो क्या फायदा
तुम बदल गए हो खो गए होते तो और बात थी

तेरी तलाश में निकलू भी तो क्या फायदा
तुम बदल गए हो खो गए होते तो और बात थी

मर भी गया तो उसे खबर न करना ए दोस्तों
अगर वो रो पड़ी तो ये दिल फिर धढक उठेगा

उसने जब से कहा है उस दिन दूर चली जाउंगी
ऐसा लगता है मौत का दिन तय हो गया हो

अगर हम # सुधर गये तो
# उनका क्या होगा..
जिन्हें हमारी # मस्ती से # प्यार
है..

मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी

अजब पहेलियां हैं हाथों की लकीरों में...
सफर ही सफर लिखा है हमसफर कोई नहीं...

# बाळा तु लहान आहे # तु जेव्हा text book #
वर आला ना# तेव्हा आम्ही # facebook वर राडा
करायचो...

जिंदगी कैसी गुज़र रही है सभी पूछते हैं
कैसे गुजारता हूँ कोई पूछता नहीं

मुझसे खुशनसीब हैं मेरे लिखे ये लफ्ज
जिनको कुछ देर तक पढ़ेगी निगाहे तेरी

तेरे बाद किसी को प्यार से ना देखा हमने,
हमें इश्क का शौक है, आवारगी का नही..