लड़कियां भले ही आईफोन 6 ले ले दोस्तो
पर आना हम लडको के पास मिस कॉल ही है

बिना मकसद बहुत मुश्किल है जीना​;​
खुदा आबाद रखना दुश्मनों को​ मेरे।

मेरी लिखी किताब मुझे दे कर कुछ यूं बोली वो
इसे पढ़ा करो इश्क़ समझ जाओगे ...

तुम अपने जुल्मो की हद कर दो..
क्या पता फिर कोई हमसा बेजुबा,मिले ना मिले.!!

तेरी तो फितरत थी सबसे मुहब्बत करने की
हमने बेवजह खुद को खुशनसीब समझा

हिलते लबो को तो दुनिया जान लेती हैं..
मुझे उसकी तलाश है जो ख़ामोशी पढ़ ले..!

नज़र-नज़र का फर्क है, हुस्न का नहीं ;
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है !!

हिलते लबो को तो दुनिया जान लेती हैं..
मुझे उसकी तलाश है जो ख़ामोशी पढ़ ले..!

ना शाख़ों ने जगह दी ना हवाओ ने बक़शा,
वो पत्ता आवारा ना बनता तो क्या करता...?

कुछ इस अदा से तोड़े है ताल्लुक़ात उसने,की मुद्दत से ढूंढ़ रहा हु कसूर अपना...

!! सारा ही शहर उस के जनाजे में था शरीक ...
तन्हायों के खौफ से जो शख्स मर गया...!!

आज मुस्कुराने की हिम्मत नहीं मुझ में..
आज टूट कर मुझे तेरी याद आ रही है..!!

जिस घाव से खून नहीं निकलता,,
समज लेना वो ज़ख्म किसी
अपने ने ही दिया है...!!!

पगली तेरी ख़ामोशी, अगर तेरी मज़बूरी है,
तो रेहने दे, इश्क़ कोनसा जरुरी है. . .

ज़ख़्मों के बावजूद मेरा हौसला तो देख
तू हँसी तो मैं भी तेरे साथ हँस दिया