मौजूद थी उदासी अभी तक पिछली रात की
बहला था दिल ज़रा सा की फिर रात हो गई
मौजूद थी उदासी अभी तक पिछली रात की
बहला था दिल ज़रा सा की फिर रात हो गई
नीँद मे भी गिरते है मेरे आँसु,
जब भी तुम ख्वाब मे मेरा साथ छोड देते हो..
न किसी से दुश्मनी है सबसे अपनी यारी तेरी शौतन तो पट गयी चल अब तेरी बरी।
मौसम बदलते, बदलती ये परछाईया,
ना बदले कभी ये दोस्ती-यारियां…!!
🙏🙏🙏
में लखेलो दई गया,पोते लखेलो लई गया,
छे हजी संबंध के ए पत्र बदलावी गया..!!
लाख करो गुज़ारिशें लाखों दो हवाले
बदल ही जाते हैं आखिर बदल जाने वाले
इतनी मनमानियाँ भी अच्छी नहीं होती
तुम सिर्फ अपने ही नहीं मेरे भी हो
हसरत थी की कभी वो भी हमे मनाये..
पर ये कम्ब्खत दिल कभी उनसे रूठा ही नही..
जैसे आजकल बारिश के तलबगार हैं सब
ठीक वैसे ही जरुरत मुझे तुम्हारी है
उन की तो फितरत थी सब से दिल लगाने की,
हम बेवजह खुद को खुशनसीब समझ बैठे..!
बुरे हैं ह़म तभी तो ज़ी रहे हैं
अच्छे होते तो द़ुनिया ज़ीने नही देती
वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा
वो आँखें झुक गयीं मुझे देख कर
यकीनन उसने कभी मुझे चाहा तो ज़रूर होगा
लाजिमी नहीं की आपको आँखों से ही देख
आपको सोचना आपके दीदार से कम नहीं
रोज कहता हूँ न जाऊँगा कभी घर उसके; रोज उस के कूचे में इक काम निकल आता है।