शुक्रिया आपका जो सिर्फ दिल तोड़ कर छोड़ दिया
तुम चाहते तो जान भी ले सकते थे
शुक्रिया आपका जो सिर्फ दिल तोड़ कर छोड़ दिया
तुम चाहते तो जान भी ले सकते थे
अगर आँखें पढ़ने का हुनर तुम में होता
तो मेरे मुस्कुराने की वजह ना पूछते...।
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही
मौसम की तरह बदले हैं उसने अपने वादे
ऊपर से ये जिद्द कि तुम मुझ पर यकीन करो
जब मेरी नब्ज देखी हकिम ने तो ये कहा
कोई जिन्दा हे इसमे लेकीन ये मर चुका है
पढ़ रहा हूँ मै इश्क़ की किताब ऐ दोस्तों
ग़र बन गया वकील तो बेवफाओं की खैर नही
मैं उसका हूं ये राज तो वो जान गई है
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता
कहानी खत्म हो तो कुछ ऐसे खत्म हो,
कि लोग रोने लगे, तालियाँ बजाते बजाते..
सुना है कोई और भी चाहने लगा है तुम्हे
हम से बढ कर अगर चाहे तो उसी की हो जाना
तुने जो मिटा डाला था मुझको बेवफा; मेरी पाक मुहब्बत की एक तासीर अभी बाकी है।
तुम्हे देखकर किसी को भी यकीन नहि…~~~
कि मेरे दिल का ये हाल तुमने कीया है…¡¡
मैं फ़ना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं; मेरी चाहतों से भी अच्छी रही नफरत उसकी।
कभी भी ख़ुशी मे शायरी नहीं लिखी जाती है ये वो धुन है जो दिल टूटने पर बनती है....!!
वो जो औरों को बताता है जीने के तरीके ,
खुद मुट्ठी में मेरी जान लिए फिरता है .
गुज़री है रात आधी सब लोग सो रहे हैं,
यहां हम अकेले वैठे तेरी याद मे रो रहे है