मुझे कुछ नहीं कहना, बस इतनी गुज़ारिश है...
मुझे तुम उतने ही मिल जाओ जितने याद आते हो..Miss u yaa

पूछा जो हमने उनसे . . कि भुला दिया मुझे कैसे
.
वो चुटकियां बजा कर बोली
एसे एसे एसे

एक बात जिसे गम में पढ़ो तो खुशी हो और खुशी में पढ़ो तो गम हो
ये वक्त भी गुज़र जायेगा

यूँ तो शिकायते तुझ से सैंकड़ों हैं मगर
तेरी एक मुस्कान ही काफी है सुलह के लिये
G.R...s

किसे सुनाएँ अपने गम के चन्द पन्नो के किस्से,
यहाँ तो हर शक्स भरी किताब लिए बैठा है...

​कर दिया कुर्बान खुद को हमने वफ़ा के नाम पर; छोड़ गए वो हमको अकेला मजबूरियों के नाम पर।

तेरे दीदार की तलाश में आते है तेरी गलियों में ...
वरना आवारगी के लिए पूरा शहर पड़ा हे ।

यूँ ना खींच मुझे अपनी तरफ बेबस कर के
ऐसा ना हो के खुद से भी बिछड़ जाऊं और तू भी ना मिले

इतिहास में जाके सुन लेना हमारी कहानी
खून बहाया इतना नही था जितना नदियों में पानी

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा

वो ढूँढ रहे थे हमसे दूर जाने के बहाने..
मेने सोच खफा होके उनकी मुश्किले आसान कर दूँ..

मज़हब दौलत ज़ात घराना सरहद ग़ैरत खुद्दारी
एक मुहब्बत की चादर को कितने चूहे कुतर गए

कुछ उनकी मजबूरियाँ कुछ मेरी कशमकश
बस यूँ ही एक खूबसूरत कहानी को हमने खत्म कर लिया

बहल तो जायेगा उसके वादों से मेरा दिल
लेकिन चलेंगी पानी में कागज़ की कश्तियाँ कब तक

कर्मो से ही पहेचान होती है इंसानो की महेंगे कपडे तो
पुतले भी पहनते है दुकानों में