अरमान बहुत थे इस दिल में अफसोस न कोई मचल सका
न तुम खुद को बदल सके न मै ही खुद को बदल सका

देख ली ना मेरे आँसू की ताकत तुमने
रात मेरी आँखें नम थी
.
आज तेरा सारा शहर भीगा हैं ..

धोखा देने के लिए ‪#‎शुक्रिया‬ पगली कि ‪#‎तुम‬ ना मिलती तो ‪#‎दुनिया_समझ‬ में ‪#‎ना‬ आती !!

शेर को सवा शेर कही ना कही जरुर मिलता है,
और रही बात हमारी तो हम तो बचपन से ही शिकारी है..

इतना याद न आया करो,
कि रात भर सो न सकें।
सुबह को सुर्ख आँखों का
सबब पूछते हैं लोग।

तुम न लगा पाओगे अंदाजा मेरी बर्बादियों का
तुमने देखा ही कहा है मुझे शाम होने के बाद

रिश्वत भी नहीं लेती कम्बख्त जान छोड़ने
की….!
ये तेरी याद मुझे बहुत ईमानदार लगती है.

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में दोस्तों
वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे

खचाखच भरे दिल्ली मेट्रो मे उसने बैठने के लिये सीट मांगी
और मैं पगला उसे दिल दे बैठा

पटाने को हम भी पटा लें मुहल्ले क़ी सारी लडकियाँ
पर हमें इश्क का शौक है आवारगी का नही

मेरी लिखी किताब मेरे ही हाथो मे दे कर वो कहने लगे
इसे पढा करो मोहब्बत करना सिख जाओगे

धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल
अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका

वो ‪महफिल‬ में अपनी ‎वफ़ा‬ का जिक्र कर रही थी,
जब नजर ‪मुझ‬ पर पड़ी तो बात ही ‪बदल‬ दी

सिमटते जा रहें हैं दिल और ज़ज्बात के रिश्ते
सौदा करने मे जो माहिर है बस वही धनवान है

मुंह की बात सुने हर कोई दिल का दर्द जाने कौन
आवाज़ के इस बाज़ार में ख़ामोशी पहचाने कौन