कहते थे जो तेरी खातिर जान भी लुटा देंगे; आज कहते हैं मेरा हाथ छोड़ दो इज्जत का सवाल है।

युं तो गलत नही होते अंदाज चहेरों के…
लेकिन लोग… वैसे भी नहीं होते जैसे नजर आते है..!

कुछ इस कदर बुनेंगे अपनी तकदीर के धागे
कि अच्छे-अच्छों को भी झुकना पङेगा हमारे आगे

ताजमहेल के बाहों में आज फ़िर कोई लौट आया है...
महोब्बत की यादों को किसने दोहराया है...👈

वैसे तो हमारा इन्तजार Google ओर what app पर भी किया जाता है पर
हम तो यहाँ आप के साथ facebook पर लगे हुए है

न जाने कहाँ गुज़रता है अब वक़्त उनका
जिनके लिए कभी हम वक़्त से भी ज़्यादा कीमती थे

वो दोस्त मेरी नजर में बहुत मायिने रखते हैं
जो वक्त आने पर मेरे सामने आइने रखते हैं

रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया

पहले जैसा रंग नहीं है जीवन की रंगोली में
जाने कितना ज़हर भरा है अब लोगों की बोली में

जितना Attitude तुम अपनी सारी जिंदगी में नही कमा पाओगे
उतना तो हम apne पैग में घोल कर पी जाते है

मेरी रातों की राहत, दिन के इत्मिनान ले जाना
तुम्हारे काम आ जायेगा, यह सामान ले जाना

पगली तु हमारे शौख का अंदाजा कया लगाओगी
हम तो मोरारी बापु की कथा भी वुफर मे सुनते है

सफर में मुश्किलें आऐ तो हिम्मत और बढ़ती है
ना बिकने का इरादा हो तो कीमत और बढ़ती है

इश्क के इस दाग का एक बेवफा से रिश्ता है
इस दुनिया में सदियों से आशिक का ये किस्सा है

क्यूँ बोझ हो जाते हैं झुके हुए कंधे लोगो के लिए
जिन पर चढकर कभी वो मेला देखा करते थे