शायरों की महफ़िलों में हम इसलिए भी जाते हैं
हम से बिछड़ कर शायद वो भी शायर हो गयी हो

शायरों की महफ़िलों में हम इसलिए भी जाते हैं
हम से बिछड़ कर शायद वो भी शायर हो गयी हो

कुछ सपनों को पूरा करने निकले थे घर से
किसको पता था कि घर जाना ही एक‪ सपना ‬बन जायेगा

कब से छोङ दिया हमने लोगो पे यकीन करना
कमख्त मोहब्बत से जो भी मिला बस बरबाद ही कर गया.

आदत बना ली मैंने खुद को तकलीफ देने की , ताकि जब कोई अपना तकलीफ दे तो ज्यादा तकलीफ ना हो !!

मैं कुर्बान हो जाउं मेरे यार की यारी पर...
मेरी दुआ भी वो है, मेरी दवा भी वो है ..
💔💔nik💔💔

कुछ कर गुजरने की चाह में, कहाँ कहाँ से गुजरे
अकेले ही नज़र आये हम, जहां जहां से गुजरे

कुछ कर गुजरने की चाह में, कहाँ कहाँ से गुजरे
अकेले ही नज़र आये हम, जहां जहां से गुजरे

गुजर जाएगा ये दौर भी ज़रा इत्मीनान तो रख
जब ख़ुशी ही ना ठहरी तो ग़म की क्या औकात है।

सीने पे तीर खाके भी अगर कोई मुस्कुरा दे तो......
निशाना लाख अच्छा हो मगर बेकार जाता है.......!!!

गुज़र गया वो वक़्त जब तेरी हसरत थी मुझको
अब तू खुदा भी बन जाए तो भी तेरा सजदा ना करूँ

वो मेरे दिल पर सिर रखकर सोई थी बेखबर
हमने धड़कन ही रोक ली कि कहीं उसकी नींद ना टूट जाए

तूने फेसले ही फासले बढाने वाले किये थे
वरना कोई नहीं था तुजसे ज्यादा करीब मेरे
er kasz

यूं भी तो राज़ खुल ही जायेगा मोहब्बत का ,
मेहफिल में जो हमारे सिवा सबको सलाम करते हो !

जरा बताओ तो किसे गुरुर है अपनी दौलत पर
चलो उसे बादशाहों से भरा कब्रस्तान दिखाता हु