सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे
करीब से एक चेहरा पढ़ा और न जाने कितने सबक सीख लिए
सिखा न सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे
करीब से एक चेहरा पढ़ा और न जाने कितने सबक सीख लिए
मुझे हिचकी तो आई पर शुक्र है तेरा नाम नहीं आया
वरना लोग मुझे तंग करते उम्र भर तेरे नाम से
मेै अपनो से ज्यादा मेरे सपनो को प्यार करती हुं
सच तो नही होते पर कभी पर धोखा भी नहीं देते
मैने तो बस तुमसे बेइंतहा मोहबत कि है
ना तुम्हे पाने के बारे मे सोचा है ना खोने के बारे मे
मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमे
छोड़ गया वो ये सोच कर की हम जुदाई मे भी खुश हैं
पगली कहती थी कि वो मेरी रग-रग से वाकिफ है
फिर भी मेरे दिल से निकलने का रास्ता नहीं ढुढ़ पाए
इशक करना छोड दिया यारो वरना
हम तो आज भी पलट के देख ले तो लडकियाँ सोमवार के व्रत शुरू कर दे
लाख समझाया उसको कि दुनिया शक करती है...
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मगर उसकी आदत नहीं गई मुस्कुरा कर गुजरने की....
दिल के छालों को कोई शायरी कहे तो दर्द नहीं होता
तक़लीफ़ तो तब होती है जब लोग वाह-वाह करते है
दीवानों की मत पूछो उन में एक खास बात होती है
महबूब बेवफा हो तो भी दीवानगी लाजवाब होती है -
सुकून ऐ दिल के लिए कभी हाल तो पूँछ ही लिया करो
मालूम तो हमें भी है कि हम आपके कुछ नहीं लगते
तु ये मत सोच तू छोङ देगी तो मैं टूट जाऊंगा
कमीना हु तेरे से अच्छी पटाऊंगा
G.R..s
गरीबो के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में
तभी तो भगवान खुद बिक जाते है बाजारों में
er kasz
कौन करता है मुद्दतों तक इन्तजार किसी का दोस्तो
लोग कपड़ो की तरह आजकल मोहब्बत बदलते हैं
तेरी यादें भी न मेरे बचपन के खिलौने जैसी हैं;
तन्हा होता हूँ तो इन्हें लेकर बैठ जाता हूँ..!!