दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे
ऐ दोस्त
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आ गयी
दर्द की बारिशों में हम अकेले ही थे
ऐ दोस्त
जब बरसी ख़ुशियाँ न जाने भीड़ कहां से आ गयी
हँसकर दर्द छुपाने की कारीगरी मशहूर थी मेरी
पर कोई हुनर काम नहीं आता जब तेरा नाम आता है
खुशी में मदहोश और गम में मायूस मत होना
ये वक्त बड़ा खिलाड़ी है हर रोज़ अपनी चाल बदलेगा
"कर लेता हूँ बर्दाश्त हर दर्द इसी आस के साथ..
की खुदा नूर भी बरसाता है ... आज़माइशों के बाद".!!!
एक दूसरे से बिछड़ के हम कितने रंगीले हो गये,
मेरी आँखें लाल गो गई और तेरे हाथ पीले हो गए...!!💞
जिँदगी की उदास राहोँ पर कभी यूँ भी होता है
इंसान खुद रो पड़ता है किसी को हौँसला देते हुए.!!
अगर तेरी नजरें कतल करने में माहिर है तो
सुन;
हम भी मर-मर कर जीने में उस्ताद हो गये
हैं.
मैं थोड़ी देर तक बैठा रहा उसकी आँखों के मैखाने में;
दुनिया मुझे आज तक नशे का आदि समझती है...
कुछ इस तरहा से सौदा कीया मुझसे मेरे वक़्त ने
तजुर्बे देकर वो मुझसे मेरी नादानीया ले गया
जिस्म उसका भी मिट्टी का है मेरी तरह
ए खुदा फिर क्यू सिर्फ मेरा ही दिल तडफता है उस के लिये
पगली कहती थी कि वो मेरी रग-रग से वाकिफ है
फिर भी मेरे दिल से निकलने का रास्ता नहीं ढुढ़ पाए
कुछ लोगों का दिल जीत लिया आकर इस बरसात ने
और कुछ इस सोच में डूबे हैं की आज वो सोयेंगे कँहा
रात पूरी जाग कर गुजार दूँ तेरी खातिर
एक बार कह कर तो देख कि मुझे भी तेरे बगैर नींद नही आती
हमारी अदा तो हमेशा मुकुरने की थी ओये बेवफा
ज़िन्दगी वीरान हो गयी किसी से दिल लगाने के बाद
सब सो गये अपने हाले दिल बयां करके
अफसोस की मेरा कोई नहीं जो मुझसे कहे तुम क्यों जाग रहे हो