पगली तु हमारे शौख का अंदाजा कया लगाओगी।।
हम तो मोरारी बापु की कथा भी वुफर मे सुनते है।😎😎

तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में शाम ही नहीं होती?

मैं क्यूँ कुछ सोच कर दिल छोटा करूँ कि वो बेवफा थी
वो उतनी ही वफ़ा, कर सकी जितनी उसकी औकात थी

शोख नहीं है मुझे फ़ोटो खिंचाने का, पर क्या करू, मेरी रानी को मेरा फ़ोटो देखे बिना नींद नहीं आती....

यूँ किस बात का इन्तकाम है तेरा, मेरे दोस्त,
तेरा देख के ना देखने का अंदाज तौबा मेरे सब्र की।

स्क्रीन टच करने वाली तो हजारों मिली
yarro लेकिन तलाश है मुझे उस‪ छोरी‬ की जो दिल को‪ टच‬कर जाये

गिले-सिकवे में उलझ कर रह गयी मौहब्बत अपनी
समझ में नही आता मौहब्बत चल रही थी या कोई
मुकदमा..

वक़्त और दोस्त मिलते तो मुफ्त हैं
लेकिन उनकी कीमत का अंदाज़ा तब होता हैजब ये कहीं खो जाते हैं

सुना है प्यार मे कोई रूठे तो उसको शायरी से मनाते है
ना हम कभी रूठे है ना हमको किसी ने मनाया है

तुमसे किसने कह दिया की मोहब्बतकी बाजी हार गए हम
अभी तो दांव में चलने के लिए हमारी जान बाकी है

जिनके पास सिर्फ सिक्के थे वो मज़े से भीगते रहे बारिश में
जिनके जेब में नोट थे वो छत तलाशते रहे

तुमसे किसने कह दिया की मोहब्बत की बाजी हार गए हम
अभी तो दांव में चलने के लिए हमारी जान बाकी है

कौन कहता है की सिर्फ नफ़रतो में ही दर्द होता है.
कभी हद से जादा "मोहब्बत" भी बहुत तखलीफ देती है..!

देखी जो नब्ज मेरी हँस कर बोला वो हकीम
जा जमा ले महफिल दोस्तों के साथ तेरे हर मर्ज की दवा वही है

मेरी तकदीर को बदल देंगे मेरे बुलंद इरादे,
मेरी किस्मत नहीं मोहताज मेरे हाँथों कि लकीरों कि !!!