गुलाबी आँखे जो तेरी देखी शराबी ये दिल हो गया
संभालो मुझको ऐ मेरे यारोँ संभलना मुश्किल हो गया

मेरी खता इतनी थी की जीना ना आया
दिमाग वालो की बस्ती थी और
मुझे दिल को कहाँ रखना हैं समझ ना आया

अभी तो जरा वक़्त है उनका हमें आजमाने दो उनको
रो रो कर पुकारेंगें हमे जरा हमारा वक़्त तो आने दो

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बचपन में मेरे दोस्तों के पास घड़ी नही थी, लेकिन समय सबके पास था। आज सबके पास घड़ी है पर समय नहीं।

बिखरने दो होंठों पे हंसी के फुहारों को दोस्तों
प्रेम से बात कर लेने से जायदाद कम नहीं होती

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टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे

टूटे हुवे सपनो और रूठे हुवे अपनों ने आज उदास कर दिया
वरना लोग हमसे मुस्कराने का राज पुछा करते थे

जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ
तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं

तेरे अलावा मुझे सिर्फ नींद से ही प्यार था
कमबख्त तेरे साथ रहने से वो भी अब बेवफाओ में शामिल हो गई

शायरी वो नही लिखते हैं जो शराब से नशा करते हैं..♡
शायरी तो वो लिखते हैं जो यादों से नशा करते हैं..♡♡♡

इंतिजार है मुझे नफ़रत करने वाले कुछ नए लोगो का
पुराने नफ़रत करने वाले तो अब मुझे पसंद करने लगे है

जब तुझे पहली बार देखा था, वो भी था मौसम ए तरब कोई,
याद आती है दूर की बातें, प्यार से देखता है जब कोई..!
er kasz

"बोतल छुपा दो कफ़न में मेरे, शमशान में पिया करूंगा, जब खुदा मांगेगा हिसाब, तो पैग बना कर दिया करूंगा"

तू क्या गयी मेरी नींदें भी साथ ले गयी
तू आती नही याद जाती नही और अब तो ये कमबख्त नींद भी है की आती नहीं

जीने का तरीका काश वो फूटपाथ पे खेल रहा बच्चा मुझे सिखा दे
ना जाने भूखा पेट लेकर कैसे मुस्कुरा लेता हैं