आजकल कहाँ वफा का सिला देते है लोग
अब तो मोहब्बत की स़जा देते है लोग
पहले सजाते है दिलों मे चाहतों का ख्वाब
फिर एतबार को आग लगा देते है लोग

रोना पडता है एक दिन मुस्कुराने के बाद
याद आती है वो दुर जाने के बाद
दिल तो दुखता ही है उसके लिए
जो अपना ना हो सका इतनी महोब्बत जताने के बाद

जाने क्यूँ लोग हमें आज़माते है
कुछ पल साथ रह कर भी दूर चले जाते है
सच्च ही कहा है कहने वाले ने
सागर के मिलने के बाद लोग बारिश को भूल जाते है

हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे कभी चाहा था किसी ने,तुम ये खुद कहोगे
न होगे हम तो किसी ने ,तुम ये खुद कहोगे मिलेगे बहुत से लेकिन कोई हम सा पागल ना होग

दिल जित ले वो नजर हम भी रखते है भीड़ में नजर आये वो असर हम भी रखते है
यु तो वादा किया है किसीसे मुस्कुराने का वरना आँखों में समंदर हम भी रखते है

जिए हुए लम्हों को ज़िन्दगी कहते हैं
जो दिल को सुकून दे उसे ख़ुशी कहते हैं
जिसके होने की ख़ुशी से ज़िन्दगी मिले
ऐसे रिश्ते को दोस्ती कहते हैं

जीना चाहता हूँ मगर जिदगी राज़ नहीं आती मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती
उदास हु इस जिनदगी से क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती

विश्वास बन के लोग जिन्दगी में आते है
ख्वाब बन के आँखों में समा जाते हैं
पहले यकीं दिलाते हैं की वो हमारे हैं
फिर ना जाने क्यों बदल जाते है

सबसे अलग सबसे न्यारे हो आप
तारीफ कभी पुरी ना हो इतने प्यारे हो आप
आज पता चला कि जमाना क्यों जलता है हमसे
क्यों कि दोस्त तो आखिर हमारे हो आप

मुद्दत से तमन्ना हुई अफसाना न मिला
हम खोजते रहे मगर ठिकाना न मिला
लो आज फिर चली गई जिंदगी नजरो के सामने से
और उसे कोई रुकने का बहाना न मिला

प्यार तो जिन्दगी को सजाने के लिए है
पर जिन्दगी बस दर्द बहाने के लिए है
मेरे अन्दर की उदासी काश कोई पढे
ये हसता हुआ चेहरा तो जमाने के लिए है

दुनिया में कोई किसी के लिए कुछ नहीं करता मरने वाले के साथ हर कोई नहीं मरता
अरे मरने की बात तो दूर रही यहाँ तो जिंदगी है फिर भी कोई याद नहीं करता

एक दिन जब हुआ प्यार का अहसास उन्हें
वो सारा दिन आकर हमारे पास रोते रहे
और हम भी इतने खुद गर्ज़ निकले यारों कि
आँखे बंद कर के कफ़न में सोते रहे

आज उनको हमारी जरुरत नही
शायद इसलिए वो हमसे अब दूर दूर रहते है
और हम है जो उनकी याद में साँसे भी रुक-रुक कर लेते है
क्योंकि वो इतना याद आते है

हाथी और चींटी का प्रेम विवाह हुआ
दुसरे दिन हाथी मर गया
चींटी बोली वाह रे महोब्बत
ऐक दिन का प्यार मिला
और सारी उमर कब्र खोदने का काम मिला