दुनिया ये मुहब्बत को मुहब्बत नहीं देती; इनाम तो बड़ी चीज है कीमत नहीं देती; देने को मैं भी दे सकता हूँ गाली उसे; मगर मेरी तहजीब मुझे इजाजत नहीं देती।

दस्तूर-ऐ-वफा हम इस तरहा निभाऐंगे
तुम रोज खफा होना, हम रोज मनाऐंगे
तेरी दोस्ती का सिला हम इस तरहा चुकाऐंगे
शादी हो तेरी और दुल्हन हम ले जाऐंगे

एक शख्स दगा कर रहा है हर किसी के साथ
नजरों से जमानें के मुकम्मल उतर गया
इजहारे मोहब्बत का जुनूँ गौर से देखो
पहली ही मुलाकात में परवाना मर गया

कभी आंचल गिराया कभी नजरें मिलाई
कभी फ्लाइंग किस तो कभी टाटा किया
जब तूने आना ही नहीं था मेरी जिंदगी में तो
इस तरह मेरे दिल को घायल क्यूं किया

सब कुछ मिला सकून की दौलत नहीं मिली
एक तुज को भुल जाने की मोहलत नहीं मिली
करने तो बहुत काम थे अपने लिए
मगर हमको तेरे ख्यालो से फुर्सत नहीं मिली

हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद न कर दे तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर; ए दिल! तुझे दुश्मनों की पहचान कहाँ तू हल्क़ा-ए-यारां में भी मोहतात रहा कर।

मैं डुबा तो किनारे पे खडी थी दुनीया
हसने वालो में मेरा मुक्कदर भी शामिल था
रो रहा था जो जनाज़े से लिपट कर मेरे
कैसे कह दूँ की वही मेरा कातिल था

टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता

प्यार करने वाले मरते नही मार दिए जाते हैं
हिंदू कहते हैं मारदो इन्हे मुस्लिम कहते हैं दफ़ना दो इन्हे
पर कोई ये क्यूँ नही कहता की मिला दो इन्हे

दुनिया में कोई किसी के लिए कुछ नहीं करता
मरने वाले के साथ हर कोई नहीं मरता
अरे मरने की बात तो दूर रही
यहाँ तो जिंदगी है फिर भी कोई याद नहीं करता

तो डूब के मेरी यादों में दुनियाँ से किनारा कर लेना
जिस वक्त जनाजा गुजरेगा उस शकस का तेरे कूचे से
ज्जबात पे काबू कर लेना खिडकी से नज़ारा कर लेना

जिन्‍दगी की राहों में बहुत से यार मिलेगें हम क्‍या हमसे भी अच्‍छे हजार मिलेगें
इन अच्‍छों की भीड में हमे ना भूला देना हम कहॉ आपको बार बार मिलेगें

हमारे बिन अधूरे तुम रहोगे
कभी चाहा था किसी ने तुम ये खुद कहोगे
न होगे हम तो किसी ने तुम ये खुद कहोगे
मिलेगे बहुत से लेकिन कोई हम सा पागल ना होगा.

तेरे बिना टूटकर बिखर जाएँगे,
तुम मिल गये तो गुलशन की तरह खिल जाएँगे,
तुम ना मिले तो जीते जी मार जाएँगे,
तुम्हे पा लिया तो मारकर भी जी जाएँगे ..!
er kasz

दर्द हैं दिल मैं पर इसका ऐहसास नहीं होता रोता हैं दिल जब वो पास नहीं होता
बरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत में और वो कहते हैं
कि इस तरह प्यार नहीं होता