एक लफ़्ज़ बनाया तुमको सुनाने के लिए
कितने अल्फ़ाज़ लिखे हमने जमाने के लिए
उनका मिलना ही मुकदर मे न था
वरना कयां कुछ नही किया उनको पाने के लिए

प्यार के उजाले में गम का अंधेरा क्युँ है
जिसको हम चाहें वही रूलाता क्युँ है
मेरे रबा अगर वो मेरा नसीब नही तो
ऐसे लोगों से हमें मिलाता क्युँ है

मैंने भी किसी से प्यार क्या था उनकी रहो में इंतजार किया था
हमें क्या पता वो भूल ज्यांगे हमें कसूर उनका नहीं मेरा ही था जो एक बेवफा से प्यार किया था

मंजीले मुश्किलथी पर हम खोये नहीं
दर्द था दिल में पर हम रोये नहीं
कोई नहीं आज हमारा जो पूछे हमसे
जाग रहे हो किसी के लिए या किसी के लिये सोये नहीं

वो रात दर्द और सितम की रात होगी
जिस रात रुखसत उनकी बारात होगी
उठ जाता हु मैं ये सोचकर नींद से अक्सर
के एक गैर की बाहों में मेरी सारी कायनात होगी

दर्द दे कर इश्क़ ने हमे रुला दिया जिस पर मरते थे उसने ही हमे भुला दिया
हम तो उनकी यादों में ही जी लेते थे मगर उन्होने तो यादों में ही ज़हेर मिला दिया

महोब्बत मुक्कदर है कोई खवाब नहीं
ये वो अदा है जिसमें सब कामयाब नहीं
जिन्हें पनाह मिली उन्हें उंगलियों पे गिनो
जो बर्बाद हुऐ उनका हिसाब नहीं

लड़के की जमकर पिटाई करने के बाद
लोगो ने लडकी और उसकी स्कूटी को
उठा कर पूछा....
कहीं चोट तो नहीं लगी..?
लडकी- नहीं! रोज का काम है
स्कुटी सीख रही हूं।

हर बार मेरे सामने आती रही हो तुम; हर बार तुम से मिल के बिछड़ता रहा हूँ मैं; तुम कौन हो ये खुद भी नहीं जानती हो तुम; मैं कौन हूँ ये खुद भी नहीं जानता हूँ मैं।

दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी "सूर्य ग्रहण" तक कहते हैं लोग!

शिष्य ने बुद्ध से पुछा,"ज़हर क्या होता है"?
बुद्ध ने बहुत सुन्दर जवाब दिया...
..."हर वो चीज़ जो ज़िन्दगी में आवश्यकता से अत्यधिक होती है वही ज़हर होती है..."

मत मुस्कुराओ इतना की फूलो को खबर लग जाये
हम करें आपकी तारीफ और आपको नजर लग जाये
खुदा करे बहुत लम्बी हो आपकी जिंदगी
और उस पर भी हमारी उम्र लग जाये

जो हम न सोच सकें लोग सोच लेते हैं दिखा के ख़्वाब वो आँखों को नोच लेते हैं
कभी जो आँख के कोनों पे झिलमिलाते हैं वो आँसू ग़मज़दा पलकों से पोंछ लेते हैं

दोस्त ने दोस्त को, दोस्त के लिए रुला दिया क्या हुआ जो किसी केलिए उसने हूमें भुला दिया
हम तो वैसे भी अकेले थे अच्छा हुआ जो उसने हमे एहसास तो दिला दिया

कुछ रिश्ते अंजाने में ही हो जाते है
पहले दिल फिर जिन्दगी से जुड़ जाते है

कहते है उस दौर को प्यार

जिसमें लोग जिन्दगी से भी प्यारे हो जाते है