मौत को तो लोग यूहीं बदनाम करते है ।
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तकलीफ तो सुबह सुबह ‪‎ठंडा पानी‬ देता है ।

हमारी नित्य की दिनचर्या में हम भूल जाते हैं कि हमारा जीवन तो एक अविरत अद्भुत अनुभव है।

तेरे आज़ाद बन्दों की ना ये दुनिया ना वो दुनिया; यहाँ मरने की पाबंदी वहां जीने की पाबंदी!

उस रात गरीब माँ ने यह कह के बच्चों को सुला दिया; फ़रिश्ते ख्वाब में आते है रोटियां ले कर​।

जीवन एक परख और कसौटी है जिसमें अपनी सामथ्र्य का परिचय देने पर ही कुछ पा सकना संभव होता है।

हीरों की बस्ती में हमने कांच ही कांच बटोरे हैं; कितने लिखे फ़साने फिर भी सारे कागज़ कोरे है।

हादसों की ज़द में हैं तो क्या मुस्कुराना छोड़ दें; जलजलों के खौफ से क्या घर बनाना छोड़ दें??

अगर आप एक सुखी जीवन जीना चाहते हैं तो इसे अपने लक्ष्य से बाँधिए। लोगों या वस्तुओं से नहीं।

मैं ज़हर तो पी लूँ शौक से तेरी खातिर
पर शर्त ये है कि तुम सामने बैठ कर साँसों को टुटता देखो

जब आप अपनी कमजोरियों को चुनौती देना शुरू कर देते है तो आपकी जीवन यात्रा बेहद रोचक हो जाती है।

प्रसन्नता बाहरी परिस्थितियों पर निर्भर नहीं करती यह हमारे मानसिक रवैया से संचालित होती है।

अत्याचारी से बढ़ कर अभागा कोई दूसरा नहीं होता क्योंकि मुश्किलों में उसके साथ कोई खड़ा नहीं होता।

ज्यादातर लोगों ने ये कभी नहीं सीखा कि जीवन के मुख्य उद्देश्यों में से एक है कि इसका आनंद लेना है।

राह में निकले थे ये सोचकर किसी को बना लेंगे अपना; मगर इस ख्वाहिश ने जिंदगी भर का मुसाफिर बना दिया।

यूँ ही रखते रहे बचपन से दिल साफ़ हम अपना​​;​ पता नहीं था कि कीमत तो चेहरों ​की होती है दिल ​की नहीं​..