यूँ रहना तेरे खयालों में शायद ये मेरी आदत है
कोई कहता इश्क इसे और कहता कोई इबादत है
यूँ रहना तेरे खयालों में शायद ये मेरी आदत है
कोई कहता इश्क इसे और कहता कोई इबादत है
अगर तेरी नजरें कतल करने में माहिर है तो सुन
हम भी मर-मर कर जीने में उस्ताद हो गये हैं
इतना आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ
शायद तुमने ही पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे
रोज स्टेटस बदलने से जिंन्दगी नहीं बदलती
जिंदगी को बदलने के लिये एक स्टेटस काफी है
हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी क्या खूब जला
खुदा भी अपने होने के क्या क्या सबूत देता है
धडकनों को कुछ तो काबू में कर ए दिल
अभी तो पलकें झुकाई है मुस्कुराना अभी बाकी है उनका
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो क्या
वो मुस्कुरा के बोले… पहले तुम्हारे थे क्या
मेरा यही अन्दाज इस जमाने को खलता है
की ये साला इतना टुटने के बाद भी सीधा कैसे चलता है
तुमने मुझे छोड़ दिया चलो कोई बात नही लेकिन
जिसके लिए मुझे छोड़ा है उसे कभी मत छोड़ना
G.R..s
सोचा था सुनाएंगे सब गिले शिकवे उन्हें
मगर उनसे इतना भी न हुआ कि पूछें खामोश क्यूँ हो
इश्क करने चला है तो कुछ अदब भी सीख लेना
इसमें हँसते साथ है पर रोना अकेले ही पड़ता है
er kasz
हमारे दुश्मनों को हमारे सामने सर उठाने की हिम्मत नही
और वो पगली दिल से खेल कर चली गयी
गुलाम हूँ अपने घर के संस्कारो का वरना
लोगो को उनकी औकात दिखाने का हुनर आज भी रखता हूँ
लड़की: क्या तुम मेरे लिये चाँद तोड़ के ला सकते हो? लड़का: फिर धरती के चक्कर तेरा बाप लगाएगा!
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदलकर देख
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकलकर देख
G.R..s