वो रोए तो बहुत पर मुझसे मुंह मोड़ कर रोए; कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए; मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े; पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए।

सदियों बाद उस अजनबी से मुलाक़ात हुई ! आँखों ही आँखों में चाहत की हर बात हुई ! जाते हुए उसने देखा मुझे चाहत भरी निगाहों से ! मेरी भी आँखों से आंसुओं की बरसात हुई !

मुलाकातें रह जाती है सुहानी यादें बनकर; बातें रह जाती है कहानी बनकर; पर प्यार तो हमेशा दिल के करीब रहता है; कभी होंठों पे मुस्कान तो कभी आँखों में पानी बनकर!

कभी रो कर मुस्कुराए कभी मुस्कुरा के रोए​​;​जब तेरी याद आई तुझे भुला कर रोए;​एक तेरा ही नाम था जो हज़ारों बार लिखा;​​​जितना लिख कर खुश हुए उससे ज्यादा मिटा कर रोए​।

दर्द जब हद से गुजर जाता हूँ तो रो लेता हूँ; जब किसी से कुछ कह नहीं पता तो रो लेता हूँ; यूँ तो मेला हैं चारों तरफ हमारे लोगों का मगर; जब कोई अपना नजर नहीं आता तो रो लेता हूँ।

उनके ख्यालों ने कभी हमें खोने नहीं दिया; जुदाई के दर्द ने हमें कभी खामोश होने नहीं दिया; आँखे तो आज भी उनके इंतज़ार में रोती हैं; मगर उनकी मुस्कुराहट ने हमें आज भी रोने नहीं दिया।

दिल की बात लबों पर लाकर अब तक हम दुःख सहते हैं; हम ने सुना था इस बस्ती में दिल वाले भी रहते हैं; बीत गया सावन का महीना मौसम ने नज़रें बदलीं; लेकिन इन प्यासी आँखों से अब तक आँसू बहते हैं।

हँसोगे तो साथ हँसेगी दुनिया बैठ अकेले रोना होगा; चुपके चुपके बहा कर आँसू दिल के दुःख को धोना होगा; बैरन रीत बड़ी दुनिया की आँख से जो भी टपका मोती; पलकों से ही उठाना होगा पलकों से ही पिरोना होगा।

इस कदर छलकते है आँसू पलकों पे छुपा नहीं सकता; मेरे कदम रोकते हैं मुझको उसके दर पे जा नहीं सकता; न जाने किस की गलती थी कोई रूठ गया था मुझसे; आज उसे मनाने की ख्वाहिश है पर दिल मजबूर है इतना कि मना नहीं सकता।