ना तसवीर है तुम्हारी जो दीदार किया जाये; ना तुम हो पास जो प्यार किया जाये; ये कौन सा दर्द दिया है तुमने ऐ सनम; ना कुछ कहा जाये ना तुम बिन रहा जाये।

यूँ तो कई बार भीगे बारिश में
मगर ख्यालों का आँगन सूखा ही रहा
जब आँखों की दीवारें गीली हुई उसकी यादो से
तब ही जाना हम ने बारीश क्या होती है

कुछ इस तरह से हम नजदीक आ चुके हैं; खुद को तेरे वजूद का हिस्सा बना चुके हैं; अब तो हमारे दर्द की कोई दुआ करो; हम तो तुम्हें अपना मसीहा बना चुके हैं।

प्यार किसी को करोगे रुस्वाई ही मिलेगी; वफ़ा कर लो चाहे जितनी बेवफाई ही मिलेगी; जितना मर्जी किसी को अपना बना लो; जब आँख खुलेगी तन्हाई ही मिलेगी।

अगर वो मांगते हम जान भी दे देते मगर उनके इरादे तो कुछ और ही थे
मांगी तो प्यार की हर निशानी वापिस मांगी मगर देते वक़्त तो उनके वादे कुछ और ही थे

आंखो में रहने वालों को याद नहीं करते
दिल में रहने वालों की बात नहीं करते
हमारी तो रूह में बस गए हैं आप
तभी तो हम मिलने की फरियाद नहीं करते

मुस्कुराते पलको पे सनम चले आते हैं
आप क्या जानो कहाँ से हमारे गम आते हैं
आज भी उस मोड़ पर खड़े हैं
जहाँ किसी ने कहा था,कि ठहरो हम अभी आते हैं

ना जाने तुम पे इतना यकीन क्यों है?
तेरा ख्याल भी इतना हसीन क्यों है ?
प्यार का दर्द मिठा होता है...
तो आँख से निकला ये आँसु नमकीन क्यों हैं ?
...

तेरे प्यार ने हमें हसना सिखाया तेरे प्यार ने हमें बहुत रुलाया
प्यार में पागल लोग दुनिया भूल जाते हैं तेरे प्यार में हमने अपने आप को भुलाया

प्रेमिका: यह पकवान मैंने अपनी पाक कला की पुस्तक स्वादिष्ट पकवान में से निकाला था! प्रेमी: अच्छा किया! यह उस पुस्तक में रहने के काबिल था भी नहीं!

दिल की किताब में गुलाब उनका था
रात की नींदों में ख्वाब उनका था
कितना प्यार करते हो जब हमने पूछा
मर जायेंगे तुम्हारे बिना यह जवाब उनका था

जिए हुए लम्हों को ज़िन्दगी कहते हैं
जो दिल को सुकून दे उसे ख़ुशी कहते हैं
जिसके होने की ख़ुशी से ज़िन्दगी मिले
ऐसे रिश्ते को दोस्ती कहते हैं

प्यार तो जिंदगी का एक अफसाना है; इसका अपना ही एक तराना है! सबको मालूम है कि मिलेंगे सिर्फ आंसू; पर न जाने क्यों दुनियां में हर कोई इसका दीवाना है!

आँखें तो प्यार में दिल की जुबान होती है; चाहत तो सदा बेजुबान होती है; प्यार में दर्द भी मिले तो क्या घबराना; सुना है दर्द से चाहत और जवान होती है।

पत्थर की दुनिया जज़्बात नही समझती
दिल में क्या है वो बात नही समझती
तन्हा तो चाँद भी सितारों के बीच में है
पर चाँद का दर्द वो रात नही समझती