घर से बाहर कोलेज जाने के लिए वो नकाब मे निकली
सारी गली उनके पीछे निकली
इनकार करते थे वो हमारी मोहबत से
और हमारी ही तसवीर उनकी किताब से निकली

हर शाम से तेरा इज़हार किया करते है
हर ख्वाब मे तेरा दीदार किया करते है
दीवाने ही तो है हम तेरे
जो हर वक़्त तेरे मिलने का इंतज़ार किया करते है

उनका हाल भी कुछ आप जैसा ही होगा
आपका हाले दिल उन्हें भी महसूस होगा
बेकरारी के आग में जो जल रहे हैं आप
आपसे ज्यादा उन्हें इस जलन का एहसास होगा

ऐ चाँद मुझे बता तू मेरा क्या लगता है; क्यों मेरे साथ तु सारी रात जागता है; मैं तो बन बैठा हूं दिवाना उनके प्यार में; क्या तू भी किसी से प्यार करता है।

अगर मैं मर जाउँ तो मुझे जला देना; लेकिन उससे पहले मेरे दिल को निकाल लेना; मुझे परवाह नहीं इस दिल के जल जाने की; मुझे परवाह है इस दिल में रहने वाले की।

पलकों को कभी हमने भिगोए ही नहीं वो सोचते हैं की हम कभी रोये ही नहीं
वो पूछते हैं कि ख्वाबो में किसे देखते हो और हम हैं की उनकी यादो में सोए ही नहीं

कुछ यादें दिल को लुभाती हैं,
कुछ बातें दिल को जगाती हैं,
आपकी यादों की क्या तारीफ करें,
ये तो आने में पल और....
...... जाने में बहुत वक्त लगाती हैं.
...

बदलना आता नहीं हमको मौसम की तरह
हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं
न तुम समेट सकोगी जिसे क़यामत तक
कसम तुम्हारी तुम्हे इतना प्यार करते हैं

बिना देखे उसका हाल बता सकता हूँ; बिना देखे उसकी तस्वीर बना सकता हूँ; मेरी मोहब्बत में इतनी ताक़त है कि; उसकी आँखों के आँसू अपनी आँख से गिरा सकता हूँ।

तेरे प्यार को इन पलकों पर सजाऐंगे..
जब तक जिन्दगी है हर रसम निभाऐंगे..
देने को तो कुछ नही हमारे पास..
पर तेरी खुशी माँगने खुदा के पास जरुर जाऐंगे..

महोब्बत को जब लोग खुदा मानते हैं
तो प्यार करने वालो को क्युँ बुरा मानते है
जब जमाना ही पत्थर दिल है
तो फिर पत्थरों से लोग क्युँ दुआ माँगते है

वो सामने थी और हम पलके उठा ना सके;
चाहते थे पर पास उनके जा ना सके;
ना देख ले वो अपनी तस्वीर हमारी आँखों में;
बस यही सोच कर हम उनसे नज़रे मिला ना सके।

हसरत है सिर्फ़ तुम्हे पाने की,
और कोई ख्वाईश नही इस दीवाने की,
शिकवा मुझे तुमसे नही खुदा से है,
क्या ज़रूरत थी तुम्हे इतना खूबसरत बनाने की ..!
er kasz

तेरे बिना टूटकर बिखर जाएँगे,
तुम मिल गये तो गुलशन की तरह खिल जाएँगे,
तुम ना मिले तो जीते जी मार जाएँगे,
तुम्हे पा लिया तो मारकर भी जी जाएँगे ..!
er kasz

हर वक़्त तेरी यादें तडपाती हैं मुझे
आखिर इतना क्यों ये सताती हैं मुझे
इश्क तो किया था तुमने भी शौंक से
तो क्यों नहीं यह एहसास दिलाती हैं तुझे