दिल में एक दर्द लिए जिये जा रहा हूँ; तेरी मोहब्बत का जाम पिये जा रहा हूँ; न चाहते हुए भी यह काम किये जा रहा हूँ; न जाने खुद को कौन सी मंजिल पर लिये जा रहा हूँ!

बदलना आता नहीं हमको मौसम की तरह; हम हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं; न समेट सकोंगी तुम इसे क़यामत की तरह; कसम तुम्हारी हम तुम्हें इतना प्यार करते हैं!

महफील भी रोयेगी, हर दिल भी रोयेगा
ङुबी जो मेरी कस्ती तो साहील भी रोयेगा
हम इतना प्यार बीखेर देगे इस दुनीया मे के
मेरी मौत पे मेरा कातील भी रोयेगा

जिंदगी की हक़ीकत सिर्फ इतनी होती है; जब जागता है इंसान तो किस्मत सोती है; इंसान जिस पर अपना हक़ खुद से ज्यादा समझता है; वो अमानत अक्सर किसी और की होती है!

आँखों में देखा दिल में उतर के नहीं देखा
कश्ती के लोगों ने समंदर को ना देखा
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला
मै मोम हूँ उसने मुझे छु के नहीं देखा

दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे
तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ
गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे

हसरतों पर रिवाजों का सख्त पहरा है; न जाने कौन सी उम्मीद पर जाकर यह दिल ठहरा है; मेरी आँखों में से छलकते हुए यह अश्क और गम की कसम; मेरा यह प्यार बहुत गहरा है!

तुम्हारी आँखों ने पायी है झील सी गहराई
उपर से घने बालों की काली घटा है छाई
कमल की कलियों का रंग नर्म होटों पे सजा
ए हुस्न की देवी ये दिल तोडके ना जा

प्रेमी: जल्दी से मेरी आँखों में देखो तुम्हें क्या दिखता है? प्रेमिका: सच्चा प्यार! प्रेमी: ओये सच्चे प्यार वाली मेरी आँख में कुछ गिरा है जल्दी से निकाल!

आँखों से आंसू न निकले तो दर्द बड जाता है उसके साथ बिताया हुआ हर पल याद आता है
शायद वो हमें अभी तक भूल गए होंगे मगर अभी भी उसका चेहरा सपनो में नज़र आता है

इश्क़ में कोई खोज नहीं होती
यह हर किसी से हर रोज नहीं होती
अपनी जिंदगी में हमारी मौजूदगी को बेवजह मत समझना
क्योंकि पलके कभी आँखों पर बोझ नहीं होती

दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे !
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ,
गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे !!

तेरी खुशियो को सजाना चाहता हूँ
तुझे देख कर मुस्कुराना चाहता हूँ
मेरी जिन्दगी में क्या अहमियत हैं तेरी
ये लब्ज़ो में नहीं पास आ कर बताना चाहता हूँ

कितना दूर निकल गए रिश्ते निभाते निभाते
खुद को खो दिया हमने अपनों को पाते पाते
लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में
और तुम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते

मैने आज रब से कहा:- वो चली गयी मुझे अकेला छोडकर ना जाने ऐसी क्या मजबूरी थी
खुदा ने मुस्कुरा के कहाँ:- इसमे उसका कोई कसूर नही ये कहानी मैने लिखी ही अधूरी थी