वो मुहब्बत भी उसकी थी वो नफरत भी उसकी थी ,
वो अपनाने और ठुकराने की अदा भी उसकी थी !
मैं अपनी वफा का इन्साफ किस से मांगता ,
वो शहर भी उसका था वो अदालत भी उसकी थी !

किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती है
जो नहीं मिलता उसी से मोहब्बत क्यों होती है
कितने खड़े है राहों में दिल की फिर भी
दिल को उसी की चाहत क्यों होती है

ऐ दिल मत कर इतनी मोहब्बत किसी से
इश्क़ में मिला दर्द तू सह नहीं पायेगा
एक दिन टूट कर बिखर जायेगा अपनों के हाथों से
किसने तोडा ये भी किसी से कह नहीं पायेगा

इत्तेफ़ाक़ से ही सही मगर मुलाकात हो गयी; ढूंढ रहे थे हम जिन्हें उन से बात हो गयी; देखते ही उन को जाने कहाँ खो गए हम; बस यूँ समझो वहीं से हमारे प्यार की शुरुआत हो गयी।

कौन कहता है मुझे ठेस का एहसास नहीं
जिंदगी एक उदासी है जो तुम पास नहीं
मांग कर मैं न पियूं तो यह मेरी खुद्दारी है
इसका मतलब यह तो नहीं है कि मुझे प्यास नहीं

रस्ते में कल उनसे फिर मुलाकात होगई ना चाहते हुए भी आँखों ही आँखों में बात हो गयी
उसका ख़याल मेरे मन पे ऐसा शा गया के पता नहीं कमबख्त कब दिन हुआ और कब रात हो गयी

वो तीर कलेजे पर इक शोख़ ने मारा है,
हर दर्द में तस्क़ीं है हर ग़म हमें प्यारा है,
वह जिनके तसव्वुर से रोशन है मेरी दुनिया,
है चाँद ख़्यालों का आँखों का सितारा है...!!

ऐसा नहीं कि मुझे आज चॉद चाहिये
मुझको तुम्‍हारे प्‍यार में विश्‍वास चाहिये
न की कभी भी ख्‍वाहिश मैंने सितारों की
ख्‍वाबों में बस तुम्‍हारा दीदार चाहिये

प्रेमिका: जब तुम्हें मेरे याद आती है तो तुम क्या करते हो? प्रेमी: मैं तुम्हरी फेवरेट आइस क्रीम खा लेता हूँ! और तुम? प्रेमिका: मैं तुम्हरी फेवरेट सिगरेट पी लेती हूँ!

मुहब्बत के लबोँ पर, फिर वही तकरार बैठी है!
एक प्यारी सी मीठी सी,कोई झनकार बैठी है!
तुझसे दूर रहकर के हमारा हाल है ऐसा,
मैँ तेरे बिन, तू मेरे बिन, वहाँ बेकार बैठ है!

दो प्रेमियों ने आत्महत्या करने की योजना बनाई! लड़का कूद गया और लड़की नहीं कूदी! आधे रास्ते में लड़के ने पैराशूट खोला और चिल्लाया: मुझे पता था चुड़ेल तू नहीं कूदेगी!

मुहब्बत रूह की खुराक है। यह वह अमृत की बूंद है जो मरे हुए भावों को जिंदा कर देती है। मुहब्बत आत्मिक वरदान है। यह जिंदगी की सबसे पाक सबसे ऊंची सबसे मुबारक बरकत है।

वो नजर कंहा से लाऊँ जो तुम्हें भुला दे
वो दवा कंहा से लाऊँ जो ईस ददॅ को मिटा दे
मिलना तो लिखा रहेता है तकदिरो में
पर वो तकदिर कंहा से लाऊँ जो हम दोंनो को मिला दे

में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना
में उसके गम में शरीक हूँ पर मेरा गम न उसे बता देना
जिन्दगी कागज की किश्ती सही शक में न बहा देना

ख्वाइस तो यही है कि तेरे बाँहों में पनाह मिल जाये शमा खामोस हो जाये और शाम ढल जाये ||
प्यार इतना करे कि इतिहास बन जाये और तुम्हारी बाँहों से हटने से पहले शाम हो जाये