आदत बदल दूँ कैसे तेरे इन्तिज़ार की
ये बात अब नहीं है मेरे इख़्तियार की
देखा भी नहीं तुझ को कभी फिर भी तुझे याद करते है
बस ऐसी ही खुशबू हो तुम्हारे दिल में मेरे प्यार की

समंदर पीड का अंदर है लेकिन रो नहीं सकता
ये आँसु प्यार का मोती है इसको खो नहीं सकता
मेरी चाहत को दुल्हन तु बना लेना मगर सुन ले
जो मेरा हो नहीं पाया वो तेरा हो नहीं सकता

चाँदनी रातों में कुछ भीगे ख्यालों की तरह,
मैने चाहा है तुम्हें दिन के उजालों की तरह,
गुजरे थे जो कुछ लम्हें तुम्हारे साथ,
मेरी यादों में चमकते हैं वो सितारों की तरह

जज़्बात बहक जाते हैं जब तुमसे मिलते हैं; अरमान मचल जाते हैं जब तुमसे मिलते हैं; आँखों से आँखें हाथों से हाथ मिल जाते हैं; दिल से दिल रूह से रूह मिल जाती है जब तुमसे मिलते हैं।

अपनी खुशीयां लुटा कर उस पे कुर्बान हो जाऊँ,
काश कुछ दिन उसके शहर में महमान हो जाऊँ,
वो अपना नायाब दिल मुझ को दे दें,
और फिर वापस माँगे,
मै मुक्कर जाऊँ और बेईमान हो जाऊँ..

तुम बताओ तो मुझे किस बात की सजा देते हो
मंदिर में आरती और महफ़िल में शमां कहते हो
मेरी किस्मत में भी क्या है लोगो जरा देख लो
तुम या तो मुझे बुझा देते हो या फिर जला देते हो

आपको मिस करना रोज़ की बात हो गई
आपको याद करना आदत की बात हो गई
आपसे दूर रहना किस्मत की बात हो गई
मगर इतना समझ ऐ मेरे प्यारे अजीज की
आपको भूलना अपने बस से बहार की बात हो गई

दिल बदल ना देना सिम कार्ड की तरह
दोस्ती लो मत करना बॅटरी की तरह
प्यार कम ना करना बॅलेन्स की तरह
बीच मे छ्चोड़ ना देना नेटवर्क की तरह
हमेशा मेरा साथ निभाना चारजर की तरह

अपनी खुशीयां लुटा कर उस पे कुर्बान हो जाऊँ,
काश कुछ दिन उसके शहर में महमान हो जाऊँ,
वो अपना नायाब दिल मुझ को दे दें
...................और फिर वापस माँगे
मै मुक्कर जाऊँ और बेईमान हो जाऊँ

तेरे हाथ की मैं वो लकीर बन जाऊं; सिर्फ मैं ही तेरा मुकद्दर तेरी तक़दीर बन जाऊं; इतना चाहूँ मैं तुम्हें कि तू हर रिश्ता भूल जाये; और सिर्फ मैं ही तेरे हर रिश्ते की तस्वीर बन जाऊं।

अपरिपक्व ​प्यार कहता है मैं तुमसे प्यार करता हूँ क्योंकि मुझे तुम्हारी जरूरत है। लेकिन परपिक्व प्यार कहता है कि मुझे तुम्हारी जरूरत है क्योंकि मैं तुमसे प्यार करता हूँ।

मेरे अरमानों की खातिर, मुझ से दूर चले जाओगे
मेरी ज़िद ऐसी है क्या कि हो मजबूर चले जाओगे
प्यार किया था न तुमने तो अब इतनी जल्दी क्या
अपना पागलपन छोडो, तुम क्या दूर चले जाओगे

ज़िन्दगी मिलती हैं एक बार मौत आती हैं एक बार
दोस्ती होती हैं एक बार प्यार होता हैं एक बार
दिल टूटता हैं एक बार जब सब कुछ होता हैं एक बार
तो फिर आपकी याद क्यों आती हैं बार बार

प्यार क्या है? अगर समझो तो ये भावना है; इससे खेलो तो ये एक खेल है; अगर साँसों में हो तो श्वास है; और दिल में हो तो विश्वास है; अगर निभाओ तो पूरी ज़िन्दगी है; और बना लो तो ये पूरा संसार है।

जाने कभी गुलाब लगती हे जाने कभी शबाब लगती हे
तेरी आखें ही हमें बहारों का ख्बाब लगती हे
में पिए रहु या न पिए रहु लड़खड़ाकर ही चलता हु
क्योकि तेरी गली कि हवा ही मुझे शराब लगती हे