घुंघट में तुझे देखा तो दीवाना हुआ
संगीत का तराना हुआ
शमा का परवाना हुआ
मस्ती का मस्ताना हुआ
जैसे ही तूने घुंघट उठाया इस दुनिया से रवाना हुआ

अपनों से दूर है अपनों की तलाश
ज़िन्दगी से दूर है ज़िन्दगी की तलाश
मैं अपने आप को कभी समझ नहीं पाया
कि मैं जी रहा हूँ ज़िन्दगी या हूँ एक जिंदा लाश

कितना दर्द है दिल में दिखाया नहीं जाता,
गंभीर है किस्सा सुनाया नहीं जाता,
एक बार जी भर के देख लो इस चहेरे को,
क्योंकि बार-बार कफ़न उठाया नहीं जाता!!
=RPS

सबकी ज़िन्दगी में खुशिया देने वाले मेरे दोस्त की ज़िन्दगी में कोई गम न हो
उसको मुझसे भी अच्छे दोस्त मिले अब इस दुनिया में हम न हो, अब इस दुनिया में हम न हो.

जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती
मरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आती
बहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी से
उनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती

कभी मुस्कारा के रोये कभी रो के मुस्काये
जब भी तेरी याद तब तुजे भुला के रोये
एक तेरा नाम था जिसे हजार बार लिखा
जितना लिख के खुश होवे उस से ज्यादा मिटा के रोये

प्यार करने वालो की किस्मत ख़राब होती हैं
हर वक़्त इन्तहा की घड़ी साथ होती हैं
वक़्त मिले तो रिश्तो की किताब खोल के देखना
दोस्ती हर रिश्तो से लाजवाब होती हैं