ज़िन्दगी सभी के लिएवही हैं फर्क सिर्फ इतना है
कोई दिल से जी रहा है और कोई दिल रखने के लिए जी रहा है

वो पूछते हैं कि यूँ बुझे-बुझे से क्यूँ रहते हो,
कैसे कहूँ कि अगर जलता रहता तो अबतक राख हो गया होता..!

मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है
ज़िन्दगी की लेकिन सिर्फ सांसें लेने को जीना तो नहीं कहते!

कल का दिन किसने देखा है आज का दिन हम खोएँ क्यों
जिन घड़ियों में हँस सकते हैं उन घड़ियों में रोएँ क्यों

कफन मे लिपटा देखकर माथा चुम के मेरे दोस्त मुझे बोले
ओ पागल नऐ कपङे क्या पहन लीया तो अब बात ही नही करेगा

जीवन ताश के खेल के समान है आप को जो पत्‍ते मिलते हैं
वह नियति है आप कैसे खेलते हैं वह आपकी स्‍वेच्‍छा है

वो अक्सर पूछती थी क्या जिंदगी और क्या मौत है
हम अंदर ही अंदर कहते थे जो तू मिली तो जिंदगी और न मिली तो मौत

दर्द इतना था ज़िंदगी में कि धड़कन साथ देने से घबरा गयी!
आंखें बंद थी किसी कि याद में ओर मौत धोखा खा गयी!
=RPS

नज़र चाहती है दीदार करना दिल चाहता है प्यार करना
क्या बतायें इस दिल का आलम; नसीब में लिखा है इंतजार करना

जब मोहब्बत बेहिसाब की तो ज़ख्मो का हिसाब क्या करना
अक्ल कहती है की मारा जाएगा इश्क कहता है की देखा जाएगा

मैं दुनिया से लड़ सकता हुँ पर अपनो के सामने लड़ नहीं सकता
क्युँकि अपनो के साथ मुझे जीतना नहीं बल्कि जीना

जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है
तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे

राजसा ने हुकूमत करनी छोडी नही है
बस तलवार छोड कलम पकडी
वरना राजसा की फितरत मे तो आज भी आसमान सर झुकाता है

फिर से मिलने का वादा तो उनके मुँह से निकल ही गया,
जब हमने जगह पुछी तो कहने लगे ख़्वाबों में आते थे आते रहेंगे..!

👉🎈"साज़िशें लाखो बनती हें मेरी हस्ती मिटाने की..."
"बस दुआयें मेरी माँ की उन्हें मुकम्मल नही होने देती 💝👈