मुस्कुराना ही ख़ुशी नहीं होती; उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती; दोस्त को रोज याद करना पड़ता है; दोस्ती कर लेना हीं दोस्ती नहीं होती!

एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर; हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर; मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना; हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर।

तेरे बिना जिन्दगी हम जिया नहीं करते! धोखा किसी को हम दिया नहीं करते! जाने कैसे तुमसे दोस्ती हो गई! वरना दोस्ती हम किसी से किया नहीं करते!

दोस्त वो जो आपके जज़्बात को समझे हमसफ़र वो जो आपके एहसास को समझे मिल तो जाते हैं सब अपने कहने वाले; पर अपना वो जो बिन कहे आपकी हर बात को समझे।

अए दोस्त तेरी दोस्ती पर नाज़ करते हैं; हर वक्त मिलने की फ़रियाद करते हैं; हमें नहीं पता घर वाले बताते हैं; हम नींद में भी आपसे बात करते हैं।

हम जब भी आपकी दुनिया से जायेंगे; इतनी खुशियाँ और अपनापन दे जायेंगे; कि जब भी याद करोगे इस पागल दोस्त को; हंसती आँखों से भी आंसू निकल आयेंगे।

फूलों की महक को चुराया नही जाता; सूरज की किरणों को छुपाया नही जाता; कितने भी दूर रहो ए दोस्त तुम; दोस्ती में आप जैसे दोस्त को भुलाया नही जाता!

दोस्त ज़िन्दगी का चाँद होता है; दिल ज़मीन का आसमान होता है; बदनसीब वो होते हैं जिनका कोई दोस्त नहीं; क्योंकि दोस्त तो धड़कते दिल की जान होता है।

चाँद को कभी अकेला ना पाओगे; आगोश में सितारे मिल ही जायेंगे; कभी अगर तन्हा हो तो आँखें बंद कर लेना; अनजाने चेहरों में इस दोस्त को ज़रुर पाओगे।

गम नहीं वहाँ जहाँ हो फ़साना आपका; ख़ुशी भी ढूंढती है हर पल आशियाना आपका; आप उदास ना होना कभी ज़िंदगी में; बहुत अच्छा लगता है हमें दोस्ताना आपका।

इश्क़ ने हमे बेनाम कर दिया
हर खुशी से हमे अंजान कर दिया
हमने तो कभी नही चाहा की हमे भी मोहब्बत हो
लेकिन आप की एक नज़र ने हमे नीलाम कर दिया

दोस्ती से प्यारा कोई रिश्ता नही होता; दुनिया में हर कोई इसे मिटा नही सकता; हमारा तो आप से वो रिश्ता है; जिसे दुनिया तो क्या खुदा भी मिटा नही सकता!

समुन्दर की ख़ामोशी उसकी गहराई बताती है; दोस्तों की कमी अपनी तन्हाई बताती है; वैसे तो दोस्त हमेशा प्यारे होते हैं; पर उनकी कीमत उनकी जुदाई बताती है!

इश्क ओर दोस्ती मेरे दो जहान है
इश्क मेरी रुह तो दोस्ती मेरा ईमान है
इश्क पर तो फिदा करदु अपनी पुरी जिंदगी
पर दोस्ती पर मेरा इश्क भी कुर्बान है

जो हम न सोच सकें लोग सोच लेते हैं दिखा के ख़्वाब वो आँखों को नोच लेते हैं
कभी जो आँख के कोनों पे झिलमिलाते हैं वो आँसू ग़मज़दा पलकों से पोंछ लेते हैं